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आय का आधुनिक प्रबंधन

वर्तमान में आय नीति : वर्तमान आय का विवरण प्रस्तुत करने के लिए दो विकल्प अपनाये जाते है।  

पहला : ऐसे नागरिक, जिनका कोई आय का स्रोत नहीं है। उन्हें जब आय का विवरण किसी प्रयोजन देना होता है, तो वे इसके लिए आय प्रमाण-पत्र का विकल्प चुनते है। यह प्रमाण पात्र  व्यक्ति राजस्व विभाग से प्राप्त करता है। जिसे प्राप्त करने की प्रक्रिया और भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है।

दूसरा : ऐसे व्यक्ति जो स्वरोजगार या अन्य किसी स्थाई रोजगार द्वारा आय अर्जित करते है। उन्हें अपने आय को प्रस्तुत करने के लिए स्थाई संख्या (पैन कार्ड ) लेना पड़ता है। जिसके माध्यम से वे अपने आय को सरकार को हर वित्तीय वर्ष में बताना पड़ता है। जिसे आयकर रिटर्न कहा जाता है।

आय  समाधान  नीति:

हमने आय प्रस्तुत करने के इन दोनों विकल्पों को एक प्रणाली के तहत विकसित किया है। इस प्रणाली के लागू होने पर जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है, उन्हें प्रमाण-पत्र बनवाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन जब भी कोई व्यक्ति किसी निजी व्यवसाय या कार्य से जुड़ेगा। तो इसके लिए भारतीय पहचान पुष्टि द्वारा स्थाई संख्या (पैनकार्ड ) लेना अनिवार्य होगा। यह स्थाई संख्या व्यक्ति मात्र एक अनुमोदन द्वारा प्राप्त कर सकेगा। यह स्थाई संख्या अनुमोदनकर्ता के मोबाइल और ईमेल पर भेजा जायेगा।

चूँकि यह संख्या भारतीय पहचान संख्या के पुष्टि आधार से बनेगा इसलिए यह आपके बैंकिग खाते से स्वतः जुड़ जायेगा। जो आपके सभी वित्तीय लेने-देने के आंकड़ों को सुरक्षित रखेगा। जिससे सरकार आपके हर वित्तीय वर्ष के आय को मॉनिटर करेगी।

आय के मानक : हमारी सरकार आय के नए मानक तय करेगी। यह एक अस्थाई मानक होगा जो विकास दर के साथ बदलता रहेगा।  वर्तमान समयानुसार हमने आय प्रस्तुत करने के मानक बनाये है। हमने गरीबी रेखा का आय मानक १.५ लाख सालाना रखा है, जो १ लाख से कम आय करते है, उन्हें गरीबी रेखा के नीचे रखा है। इसी  तरह  २.५ लाख से ३.5 तक सालाना कमाने वाले परिवार को गरीबी रेखा के ऊपर यानि माध्यम क्लास में रखा जायेगा।

आय प्रस्तुत प्रणाली : इस प्रणाली में व्यक्ति अपने आय-व्यय के लेखा-जोखा को स्वयं देख सकेगा। इस प्रणाली में व्यक्ति स्थाई संख्या का एक पैनल दिया जायेगा। जिसमे वह अपने खर्च विवरण को प्रतिदिन या सप्ताहिक जोड़ सकता है । इस प्रकार वित्तीय वर्ष में जो आय सामने आएगा। सरकार उस आय का टैक्स स्वतः ले लेगी।

जनता को लाभ: इस प्रणाली के लागू होने से नागरिक को आय प्रमाण पत्र बनवाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह विभागों के चक्कर में होने वाले धन और समय दोनों की बचत होगी।

सरकार को लाभ : इस प्रणाली से आय की सीमा के भीतर आने वाले हर व्यक्ति का आँकड़ा स्पष्ट होगा। चूँकि आय रिटर्न प्रणाली ऑटोइमेटिक प्रोसेस पर काम करता है, इसलिए सरकार को सीधा लाभ होगा। जिसके आँकड़े पूर्णतः स्पष्ट होंगे।       

इस प्रणाली में सरकार द्वारा फेरबदल और जनता द्वारा कर छुपाने और चोरी  जैसी संभावनाओं का अंत होगा।

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