समाधान विकल्प
भारत महापरिवार पार्टी राजनीति में एक नई परंपरा का आगाज करने जा रही है जिसका लक्ष्य राजनीतिक सुधार एवं सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के साथ देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित करना है। क्योकि हम एजेंडा नही, समाधान नीतियों को जनता के समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। हम वादा और हम यह करेंगे, हम वह करेंगे जैसे एजेंडों को नही बताने जा रहे है। हम यह इरादा रखते है कि इसे हम कैसे करेंगे। पार्टी ने कई वर्षो के अपने सामाजिक रिसर्च और तमाम जनता से जुडें मामलों पर अध्ययन के बाद अपनी समाधान नीतियों का विस्तृत विवरण जनता के समक्ष अपनी वेबसाईट के माध्यम से प्रसारित कर रखा है। हम आपके समक्ष कुछ लाभ और नीतियों के सुक्ष्म विकल्प को बताने जा रहे है जो हमारा घोषणा पत्र है:-
भारतीय पहचान संख्याः
सर्वप्रथम हमने पहचान मामले को सशक्त बनाने का संकल्प लिया है जिसे हमने भारतीय पहचान संख्या नाम दिया है एक भारतीय एक पहचान! के रूप में स्थापित करना और इस पहचान संख्या पर विभिन्न प्रकार के लाभ एवं सेवाए प्रदान करना। जिससे तमाम फर्जी मामलों का अंत किया जा सकें और देश की जनता को सरकारी मकड़जाल से मुक्ति मिल सकें।
हमारी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए दृणसंकल्पित है देश में रहने वाले सभी धर्म समुदाय को परिवार नियोजन का पालन करना अनिवार्य है, हमारे सभी लाभ एक परिवार के दो बच्चों या परिवार में 3 बच्चीयों को ही दिया जाएगा।
- भारतीय पहचान संख्या होने से नागरिक को जन्म, मृत्यु, जाॅति, निवास, आय, मतदाता कार्ड, राशनकार्ड, पैनकार्ड, पासपोर्ट, वाहन लाइसेंस, शिक्षा, श्रम एवं रोजगार के आकडे, सभी प्रकार के लाईसेंस, व्यवसायिक लाईसेंस एवं प्रमाण पत्रों को बनवाने तथा सभी प्रकार के आवेदनों के लिए सरकारी तंत्र के चक्करों से मुक्ति मिलेगी।
- भारतीय पहचान संख्या हाने से भूमि विवादो का अंत होगा। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होने वाले फर्जी मामलें सदा के लिए समाप्त हो जायेंगे।
- भारतीय पहचान संख्या होने से देश की जनगणना प्रतिदिन होती रहेगी, चुनाव से पहले होने वाले परिसीमन की स्थिति समाप्त हो जाएगी। 18 वर्ष उपरान्त मतदाता मतदान के लिए स्वतः योग्य हो जायेगा। इस व्यवस्था में होने वाले सरकारी खर्च को बचाया जा सकेगा।
- भारतीय पहचान संख्या हाने से देश के प्रत्येक नागरिक की आर्थिक स्थिति के साथ आकड़ें स्पष्ट होगें। देश में रहने वाले सभी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर, खेतीहर भूमि किसानों, सरकारी/गैरसरकारी/प्राइवेट संस्थाओं में रोजगार प्राप्त लोगों, स्वरोजगार एवं व्यवसायिक लोगों तथा देश के बेरोजगार लोगों का आकड़ा स्पष्ट होगा।
- हमारी सरकार नई गरीबी रेखा का मानक तय करेगी जो इस इस प्रकार होगा। 1.50 वार्षिक आय प्राप्त करने वाले को गरीबी रेखा से नीचे रखा जाएगा। 1.50 से 2.50 लाख वार्षिक आय प्राप्त करने वाले को गरीबी रेखा में रखा जाएगा तथा 2.50 लाख से 3.50 लाख वार्षिक आय प्राप्त करने वाले को गरीबी रेखा के उपर रखा जाएगा। गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य लाभ निःशुल्क प्रदान किया जाएगा, जो सभी जाॅतियों एवं धर्मो के लिए एक सामान होगा।
- भारतीय पहचान संख्या से व्यक्ति की पूष्टि कर पाना आसान होगा जिससे बैकों में फर्जी पहचान दस्तावेजों के आधार पर खाते और लोन की प्रक्रिया बंद होगी। बैंक आसान पुष्टि आधार पर खाता खोल सकता है तथा लोन दे सकता है। इसमें बैंक को कुछ अधिकार दिए जायेंगे, जिससे लोन NPA होने की सम्भावनाए समाप्त होंगी ।
परिवारिक बीमा एवं सुरक्षा लाभ
परिवार के मुखिया द्वारा 2.50 लाख वार्षिक आय प्राप्त करने वाले सभी परिवारों को देश के किसी भी निजी/ट्रस्ट एवं सरकारी चिकित्सलयों में 10 लाख रूपए की निःशुल्क चिकित्सा लाभ दिया जाएगा और यात्रा के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवार को 15 लाख तक का दुर्घटना लाभ दिया जाएगा। इन लाभों के लिए सरकारी तंत्र के चक्कर नही लगाने होंगे।
- भारतीय पहचान संख्या आने पर जिन परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख तक होगी उनके परिवार के बेटियों को 21 वर्ष बाद 21 लाख रूपया प्रदान किया जाएगा उन बेटियों को सरकार अजीवन स्वास्थ्य लाभ और निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेगी।
- अनाथ/असहाय बालक/बालिकाओं एवं बालक(तीसरा लिंग) को स्वावलंबी बनने तक का पूर्ण खर्चा सरकार प्रदान करेगी। इस प्रकार ऐसे बालक/बालिकाओं एवं बालक(तीसरा लिंग) को गोद लेकर पालन-पोषण करने वाले परिवार या संस्था को सरकार ( रू0 3 हजार मासिक) प्रदान करेगी। हमारी सरकार इन्हें नौकरी में वरियता प्रदान करेगी।
- देश में जन सुरक्षा के कार्यो में लगे जवान जैसे होगगार्ड, सिपाही, जवान, देश में कार्य करने वाले इंटेलिजेंस अफसर आदि को देश सेवा में वीरगति पाने वाले परिवार को दिए जाने वाले लाभ को 72 घंटे के भीतर दिए जानें का प्रावधान के साथ जो वेतन होमगार्ड, सिपाही, जवान और इंटेलिजेंस अफसर को दिया जाता था वही वेतन उनके परिवार को 25 वर्ष तक दिया जाएगा। जिससे उनके परिवार को अर्थिक रूप से सुरक्षित किया जा सकें।
- देश 2.5 लाख तक वार्षिक आय प्राप्त करने वाले नागरिकों को 60 वर्ष उपरान्त पेंशन लाभ दिया जायेगा। सरकारी कर्मचारी के पेंशन को बहाल किया जायेगा और सुनिश्चित किया जाएगा। रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को मिलने वाले समस्त लाभ उनके खातो में 48 घंटे के भीतर पहुँचया जाए, इसके लिए किसी भी कर्मचारी को दफ्तरों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे और इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार पूर्णरूप से समाप्त होगा।
- भारतीय पहचान संख्या हाने पर प्रत्येक नागरिक को यात्रा लाभ दिया जायेगा, जिसके अन्तर्गत यात्रा के दौरान व्यक्ति के साथ किसी प्रकार की अनहोनी होने पर सहयता एवं सहयोग प्रदान किया जायेगा।
कृषि के आधुनिक प्रबंधन
- खाद एवं बीज वितरण प्रणाली का आधुनिक प्रबंधनः इस प्रणाली के अनुसार प्रत्येक किसान को खाद एवं बीज के लिए सरकारी दफ्तरों और एजेंसीओं के चक्कर नही लगाने होगें। भारतीय पहचान संख्या द्वारा ही किसान के खेतीहर भूमि को पुष्टि की जाएगी। जिस आधार पर उन्हें कृषि सामग्री उपलब्ध कराने का आधुनिक प्रबंधन किया जाएगा। इसके अन्तर्गत किसान को यह ज्ञात होगा कि उसके नजदीकी एजेंसी के पास कितना खाद एवं बीज उपलब्ध है। किसान घर से ही एजेंसी के स्टाक को चेक कर पायेगा। एजेंसी के खिलाफ अनिमितता पाने पर किसान त्वरित शिकायत कर सकेगा।
- फसल भण्डारण और न्यूनतम मूल्य प्रबंधनः प्रथमतः सरकार किसान के सभी फसलों जैसे अनाज, फल, सब्जी, फ्रूट आदि का न्यूनतम मूल्य लागू करेगी। दूसरा किसान के समस्त फसलों को सुरक्षा प्रदान करना। जिसके अन्तर्गत सम्पूर्ण भारत में उत्पादन क्षमतानुसार भण्डार कक्षों एवं कोल्टस्टोरज का निर्माण कराना। भण्डार पूर्णतः आधुनिक कम्प्युटरीकृत प्रणाली पर होगा जिससे किसान अपने भण्डारित फसल की जानकारी ऑनलाइन ले सकेगा। सरकार भण्डारित अनाज का 25 हजार तक का भुगतान त्वरित किसान के खाते में किये जाने का प्रावधान लाएगी।
- सभी बन्द पड़े कृषि आधारित मीलों को पुर्नजीवित किया जाएगा। जैविक खाद को बढवा देने के लिए छोटे-छोटे केन्द्रों को स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक न्याय पंचायत, ब्लाक, विधानसभा, और जिलों पर पशुपालन केन्द्रों की स्थापना किया जाएगा। जिससे जैविक खाद द्वारा खाद्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सकें।
- सभी फल, सब्जी, फ्रुट और मोटे अनाज आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा और इसे गाॅव-गाॅव तक जोड़कर देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जायेगा। खाद्य पदार्थाे पर आधारित हर छोटे-छोटे उद्योगों को साझा प्रोग्राम के अन्तर्गत बढ़ाया जायेगा।
- किसान को अपने भण्डारित फसल को देशभर में बेचन का अधिकार प्रदान किया जायेगा। इसके लिए सरकार एक एप्लिकेशन संचालित करेगी, इस एप्लिकेशन में अनाज, फल, सब्जी व्यवसायियों और देश भर के किसानों को इनपैनल किया जायेगा, जिससें किसान अपने भण्डारित फसलों को देश भर के साहूकारों को बेच सकेगा।
शिक्षा का आधुनिक प्रबंधन
- विद्यालय का आधुनिक प्रबंधनः हमारी सरकार देश के सभी विद्यालयों को इनपैनल करेगी। विद्यालय बोर्ड द्वारा दिए जाने वाले मान्यता को ऑनलाइन बनाकर आसान किया जायेगा। देश में स्थानिय लोगों के साझा प्रोग्राम के अन्तर्गत विद्यालय विहीन क्षेत्रों में मार्डन विद्यालयों का निर्माण कराया जायेगा एवं रोजगार परक शिक्षा प्रणाली को विकसित किया जायेगा, जिससे छात्रों को स्वावलंबी बनाया जा सके।
- देश के सभी विद्यालयों को इनपैनल कर ग्रेड अनुसार मान्यता दिया जाएगा। इस प्रणाली में सरकार विद्यालय के पूर्ण प्रबंधन के लिए एक ऑनलाइन साॅफ्टवेयर प्रदान करेगी जिसमें विद्यालय अपने सभी प्रबंधन जैसे विद्यार्थी, टीचर, स्टाफ, पुस्तकालय, सभी प्रकार फीस आदि सम्मलित होगें दिया जायेगा। इस प्रणाली से विद्यालय द्वारा मनमाने ढ़ग से वसूले जा रहे फीस एवं गतिविधियों पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होगा।
- 1.50 लाख वार्षिक आय प्राप्त करने वाले परिवार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा लाभ एवं भरण-पोषण लाभ दिया जाएगा। इसके लिए जो विद्यालय बालक को शिक्षा प्रदान करेगा, उसे सरकार की तरफ से प्रति बच्चा व्यय मासिक रूप से प्रदान किया जायेगा।
- शिक्षक प्रबंधनः इस प्रणाली के अन्तर्गत शिक्षकों इनपैनल किया जायेगा साथ ही शिक्षकों की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए सरकार प्रतिमाह और वर्ष में एक बार फाईनल परिक्षण का प्रावधान रखेगी, उत्र्तीण शिक्षक को सम्मान और उनके वेतन में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी। हमारी सरकार प्रत्येक शिक्षमित्रों और शिक्षकों को कम से कम 25 हजार रूपए तक का वेतनमान सुनिश्चित करेगी, जिससे शिक्षकों को योग्य बनाने के साथ उनकों स्थायित्व दिया जा सकें तथा देश विश्वगुरु के पथ पर अग्रसर हो सकें।
- देश के सभी पुस्तकालयों और उनके पुस्तकों एवं रिसर्च को ऑनलाइन किया जायेगा, जिससे पुस्तको के आभाव को समाप्त किया जा सकें।
चिकित्सा लाभ का आधुनिक प्रबंधन:
- चिकित्सालय प्रबंधनः देश के समस्त प्राईवेट एवं सरकारी चिकित्सालयों को इनपैनल किया जायेगा। उनके द्वारा दिए जाने वाले चिकित्सा सुविधाओं और परामर्श शुल्क को सरकार निर्धारित कर लाइसेंस प्रदान करेगी। जिससें इस क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पूर्ण नियंत्रण किया जा सकें।
- देश के समस्त दवा निर्माता कम्पनी और दवा विक्रेताओं को इनपैनल करना और दवा मूल्यों का निर्धारण करना। जिससे दवा मूल्यों को नियंत्रण किया जा सकें।
- देश के समस्त चिकित्सा परामर्षदाताओं को इनपैनल किया जायेगा। जिससे देश में चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहे चिकित्सकों का स्पष्ट आकड़ा ज्ञात हो सके तथा उनकी त्वरित पूष्टि संभव हो सके। इस प्रणाली से फर्जी चिकित्सको द्वारा इलाज को रोका जा सकेगा।
- भारतीय पहचान संख्या पूष्टि आधार पर पेसेंट आइडी प्रदान किया जाएगा। जिस आईडी पर मरीज के समस्त जाॅच और परामर्श, दवाओं के विवरण ऑनलाइन होंगें। जिससे मरीज पुष्टि उपरान्त देश का कोई भी चिकित्सक मरीज की वास्तविक स्थिति समझ सकेगा। जिससे मरीज का सही इलाज हो सकेगा और मरीज को फर्जी इलाज से बचाया जा सकेगा। इस प्रणाली में मरीज को दवाओं की पर्ची और जाॅच को पास रखकर चलने की कोई आवश्यकता नही होगी। मरीज देश के किसी भी बड़े से बड़े डाॅक्टर से घर बैठे परामर्श शुल्क देकर परामर्श ले सकेगा है।
श्रम एवं रोजगार प्रबंधन:
श्रमिक को रोजगार एवं स्वरोजगारः
- देश में कार्य करने वाले खेतीहर मजदूर, कामगर मजदूर, कामगर मिस्त्री, रिक्सा चालक, टेक्सी चालक, विभिन्न छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले र्वकर, घरों में काम करने वाले लोग सभी को सरकार इनपैनल करके उन्हें न्यूनतम मानक मूल्य मजदूरी के अधीन लाएगी। जिसके अन्तर्गत प्रतिदिन और घंटेवार मजदूरी मानक तय करेगी। जिसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को उसके श्रम का सही लाभ मिल सकेगा।
- खेतीहर मजदूर, कामगार मजदूर, कामगार मिस्त्री को माह के 26 दिन काम करने पर 4 दिन के काम की मजदूरी सरकार प्रदान करेगी। इसके लिए सरकार द्वारा संचालित एप्लिकेशन में सभी ऐसे मजदूर और मिस्त्री को इनपैनल किया जाएगा, जिसपर हाॅयर एवं भूगतान आधार पर व्यक्ति के काम की माॅनिटरिंग किया जायेगा।
- पराम्परिक छोटे-छोटे कुटिर उद्योग एवं स्वरोजगार में लिप्त लोगों को सरकार इनपैनल करेगी। उन्हें उनके पराम्परिक कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर सम्भव मदद के साथ देश भर में उत्पादों को बेचने का ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करेगी।
- प्राईवेट संस्थानों एवं निजी संस्थाओं में कार्य करने वाले सभी को सरकार इनपैनल करेगी। जिससे देश के सभी रोजगार व्यक्तियों का सही आकलन हो सके तथा देश के बेरोजगारों लोगों को स्पष्ट आकड़े होने पर उनके कौशल योग्यता के आधार पर बैंक लोन सहायता प्रदान किया जाएगा।
शिक्षित बेरोजगार के रोजगार हेतु आधुनिक प्रबंधनः
हमारी सरकार रोजगार के आधुनिक प्रबंधन प्रणाली पर काम करेगी। प्रथम देश के युवाओं को यह ज्ञात होगा कि किसी विभाग में कितना पद रिक्त हो रहा है। दूसरा आवेदन के लिए केवल भारतीय पहचान पुष्टि के साथ अपना शिक्षा आईडी भरना होगा। तीसरा गृहजनपद को ही परीक्षाओं केन्द्र बनाया जायेगा और मौखिक परिक्षा ऑनलाइन काॅनफ्रेन्स द्वारा करायी जाएगी। जिसका परिणाम त्वरित होगा।
देश के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाए है हमारी सरकार उन्हें बढ़ावा देने हेतु आधुनिक प्रबंधनों द्वारा रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराएगी। जिसके कुछ विकल्प आपके साथ साझा कर रहे हैः-
- घर पर रोजगारः Remote Work Process का विस्तार किया जाएगा। इस प्रणाली से आईटी क्षेत्र की कम्पनीयों को बढ़वा दिया जाएगा जिससे व्यक्ति घर पर रहकर Remot Process के द्वारा कम्पनी रूल के अनुसार कार्य कर सकेगा। इस तरह छोटी-बडी आईटी कम्पनीयां फुलटाईम एवं पार्टटाइम के अनुसार नियुक्ति कर सकते है। यह प्रक्रिया वर्तमान में बहुत से देश और भारत में भी प्रयोग हो रहा है, इसे हमारी सरकार बढ़ावा देगी। जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सके।
- पर्यावरण को संरक्षण द्वारा युवाओं को रोजगारः देश के ऐसे युवा जो समाज हित में काम करना चाहते है ऐसे युवाओं को सरकार वृक्ष लगाने का न्यूनतम 20 रूपया प्रति पेड़ प्रदान करेगी। इसके लिए सरकार एक एप सचालित करेगी जिसके अन्तर्गत कोई भी युवा अपने आस-पास उगें पीपल, बरगद, नीम, आम, महुआ आदि के पौधे को उखाड़ कर नदियों एवं नहरों सड़कों के किनारें लगाकर उसका फोटो-वीडियों अपलोड करेगा तो उसे प्रति पेड़ उसके खाते में 20 रूपया सरकार के तरफ से दिया जायेगा। इस प्रकार एक व्यक्ति एक दिन में 20 पेड़ लगता है तो उसे 20x20=400 रूपया प्रतिदिन आय प्राप्त कर सकता है। इस प्रक्रिया से हम प्रतिदिन करोड़ों पेड़ लगा सकते है साथ में करोड़ों लोगों को रोजगार दे सकते है।
- टेक्सी लाइसेंस का आधुनिक प्रबंधन में स्वरोजगारः देश में आवागमन एक आवश्यक प्रक्रिया है वर्तमान में समाज के धनी लोग विभिन्न प्रकार के सवारी वाहनों को टेक्सी के रूप में चलवाते है। जिसके अन्तर्गत वह वाहन चालक को रखते है। भारतीय पहचान संख्या से सरकार को यह ज्ञात होगा कि किस व्यक्ति के पास कितने वाहन है और उसका संचालन कौन कर रहा है। इसके लिए हमने देश में ऐसे बेरोजगार जो वाहन चालने में रूचि रखते है और अपना कैरियर बनाना चाहते है उन्हें सरकार अनिवार्यता के आधार पर लाइसेंस प्रदान करेगी साथ ही आर्थिक मदद देगी जिससे ऐसे क्षेत्र में युवाओं को स्थाई स्वरोजगार सुनिश्चित हो सकें।
- वाहन लाइसेंस के आधुनिक प्रबंधन में स्वरोजगारः भारतीय पहचान पुष्टि आधार पर वाहन लाइसेंस की प्रक्रिया सिम्युलेटर प्रणाली द्वारा प्रदान किया जायेगा। इसके अन्तर्गत कोई भी नागरिक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद सरकार द्वारा संचालित एप्लिकेशन द्वारा अपने घर से ही वाहन लाइसेंस का आवेदन कर सकता हैं। इस प्रक्रिया में देश भर में करीब 1 लाख से अधिक लोगों को स्थाई स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा।
- आय प्रबंधन में स्वरोजगारः देश भर में आय प्रबंधन के कार्यो में लगे युवाओं को सरकार इनपैनल करके एक लाइसेंस प्रदान करेगी और न्यूनतम आय प्रबंधन का एक शुल्क निर्धारित करेगी। जिससे इस क्षेत्र में जुडे़ देश भर के युवाओं के कैरियर को स्थाई बनाया जा सके। इस प्रक्रिया से देश भर में करीब 25 लाख से भी अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा।
- दवा एवं चिकित्सा सामग्री विक्रेता को सरल लाइसेंस प्रणाली द्वारा स्वरोजगारः चिकित्सा एवं स्वास्थ्य में स्वरोजगार की अपार सम्भवनाए व्याप्त है। इसके अन्तर्गत सरकार द्वारा संचालित एप्लिकेशन द्वारा इस क्षेत्र में योग्यता रखने वाले व्यक्ति घर से ही लाइसेंस का आवेदन कर सकते है और ऑनलाइन परीक्षण देकर लाइसेंस प्राप्त कर सकते है इस प्रकार देश में करीब 1 करोड़ से भी अधिक लोगों को स्थाई स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा। जिसके लिए सरकार अर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
- कृषि सामग्री की आधुनिक वितरण प्रणाली द्वारा स्वरोजगारः देश में फसलों की उत्पादकता के आधार पर स्थानिय लोंगों को कृषि क्षेत्र में योग्यता रखने वाले व्यक्ति को कृषि सामग्री बेचने का लाइसेंस प्रदान किया जायेगा, जिसपर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होगा। किसान को अपने स्थानिय स्तर के विक्रेता केन्द्र के नाम और कृषि उपयोग हेतु सामग्री की सही स्थिति ज्ञात होगी। विक्रेता किसान से कभी अपने सामग्री को छुपा या ब्लैक नही कर पायेगा। ऐसे केन्द्रों द्वारा सरकार देश में करीब 1 करोड़ लोगों से भी अधिक स्वरोजगार से जोड़ पाएगी।
- परिवहन क्षेत्रों में रोजगार एवं स्वरोजगारः रेल, बस परिवहन को आधुनिकता के आधार पर स्वरोजगार एवं रोजगार उपलब्ध कराना। इसके अन्तर्गत इन क्षेत्रों में स्वरोजगार (खाद्य समाग्रीे, अखबार एवं पुस्तिका आदि) बेचने वाले तथा कुली के रूप में कार्य करने वाले सभी को इनपैनल करके उनका आधुनिक प्रबंधन के आधार पर रोजगार दिया जायेगा।
- रेल व्यवस्थाओं में रोजगार एवं स्वरोजगारः भारतीय रेल व्यवस्थाओं में रोजगार की अपार सम्भावनाएं है जिसें निम्न वर्गों में बाॅट कर आधुनिकता के आधार पर प्रबंधन किया जाएगा। जैसे कुली, ट्रेन सेलर, बहरी कैटरिंग, आन्तरीक कैटरिंग आदि सम्भावनाओं के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।
हमारी सरकार हर उन सम्भावनाओं को आधुनिक बनाकर रोजगार एवं स्वरोजगार प्रदान करेगी जिससे देश की बेरोजगारी का अंत किया जा सकें। हमारी सरकार की योजनाए प्रति व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने एवं देश आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य करेगी।
रेल परिवहन का आधुनिक प्रबंधनः
हमारा ल़क्ष्य देश की रेल व्यवस्थाओं में अमूलचूक परिवर्तन के साथ एक आधुनिक प्रणाली विकसित करना है और देष के सभी रेल लाइनों को कम से कम 300 किमी प्रतिघंटा मानको के आधार पर निर्माण कराना, 6 लेेन लाइनों का जाल बिछाना, स्टेशनों को आधुनिक व्यवस्थाओं से युक्त करना। जिससे यात्री को हर सुविधाए प्राप्त हो सके। नए प्लेटफार्मो का निर्माण करना एवं विस्तार करना। तथा आनरक्षित सीटों को भी आरक्षित किया जाएगा साथ ही यात्री रेल यात्रा के दौरान रिक्त सीटों के स्थिति पता कर सकेगा और टिकट ले सकेगा। विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
कानून व्यवस्थाओं का आधुनिक प्रबंधनः
- ऑनलाइन एफआईआर प्रबंधनः वर्तमान में ऑनलाइन एफआईआर का प्रावधान है फिर भी लोग ऑनलाइन एफआईआर नही करते क्योकि उनमें बहुत सारी कमियां है। सरकार उपयोगकर्ता की सरलता के अनुसार एप संचालित करेगी जिसके अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति घटना स्थल से ही वीडियों रिकाडिग एवं आइडियों रिर्काडिंग के द्वारा प्रथम शिकायत कर सकता है। जिसपर स्थानिय पुलिस विवेचना और सक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज करेंगी। एफआईआर भारतीय पहचान सख्या पुष्टि आधार पर एफआईआर न0 दिया जाएगा जिस आधार पर न्यायालय में मुकदमा चलेगा। यह मुकदमा कोर सिस्टम प्रणाली पर काम करेगा। जिससे अपराधी की पुष्टि त्वरित किया जा सकें।
- फर्जी मुकदमों का आधुनिक प्रबंधनः देश में फर्जी और भूमि विवाद के मामले भरे पड़े है इनके निस्तारण के लिए सभी वादी-प्रतिवादी को सरकार द्वारा संचालित एप्लिकेशन पर अपने समस्त दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। जिसके दस्तावेजों की पुष्टि एवं सत्यापन सरकार अपने स्तर से करेगी और वादी या प्रतिवादी द्वारा फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर 25 लाख जुर्माना एवं 25 साल की सजा का प्रावधान रखा जायेगा। इस प्रकार देश में फर्जी मामलों का अंत किया जा सकेगा। मुकदमों की सूनवाई का आधुनिक प्रबंधनः मुकदमों की तरिकों को ऑनलाइन होगा। जिससें वादी-प्रतिवादी को उनके मोबाइल पर सूचनाए प्रदान की जाएगी। स्थानिय स्तर के किसी वादी प्रतिवादी को हाईकोर्ट या सुप्रिमकोर्ट जाने की कोई आवश्यकता नही होगी। आधुनिक प्रणाली में वादी-प्रतिवादी अपने अधिवक्ता को ऑनलाइन हाॅयर कर सकता है। कोर्ट मुकदमों को स्थानीय कोर्ट से ही सुनवाई हेतु ऑनलाइन वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कर सकेगा।
पर्यावरण का आधुनिक प्रबंधनः
- जल संरक्षण का आधुनिक प्रबंधनः जल का तीन मुख्य स्रोतों-नदियाँ, भूमिगत जल, वर्षा जल है। नदियों की सफाई और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए हमारी सरकार एक आधुनिक प्रणाली के अन्तर्गत कार्य करेगीं जिसकी विस्तृत जानकारी हमारी वेबसाइट पर दिया गया है।
- वायु प्रदुषण के रोकथाम हेतु आधुनिक प्रबंधनः देश के सभी नदियों का सीमांकन करना तथा नदियों के दोनो तरफ 50-50 मीटर, बड़ी नदियों में 200-200 मीटर रिक्त स्थानों पर वन रूप में विकसित करना। नदियों के किनारे वनों में पीपल, बरगद एवं नीम, महुआ, आम के वृक्षों को लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस योजना से पर्यावरण को शुद्ध बनाने में तीन तरह के लाभ होंगे। पहला लाभ नदियों के किनारे वन स्थापित होने से नदियों में वृक्ष के पत्तों और बीजों से नदी का जल शुद्ध हाने में मदद होगी तथा नदियों में रहने वाले जीवों को भोजन प्राप्त होगा। दूसरा लाभ वन्यजीवों की निर्भारता में वृद्धि होगी आज वनो के काटान से बहुत सारें वन जीव शहरों में पलायन कर चके है। उन्हें वनों में संरक्षित किया जा सकेगा। तीसरा लाभ वायू प्रदूषण को रोकने तथा बाढ़ पर नियत्रंण करने में मदद मिलेगी। विस्तृत जानकारी हेतु हमारी वेबसाइट देंखें।
आर्थिक आधार पर आरक्षणः
हमारी पार्टी आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए दृणसंकल्पित है। नागरिक के आर्थिक स्थिति का प्रबंधन हम भारतीय पहचान संख्या के आधार पर करेंगे। जिससे हर परिवार और व्यक्ति का आर्थिक आकलन और स्थिति की पुष्टि करना आसान होगा। जिस आधार पर वर्तमान में जो आरक्षण मानक दिया गया है उसे प्रदान किया जायेगा। इस प्रक्रिया के लिए नागरिक को सरकारी तंत्र के ना तो चक्कर लगाने होगें और ना ही कोई प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी।
हम देश की ऐसी समाधान नीति पर कार्य कर रहे है जहाँ आरक्षण को कोई मतलब नही रह जायेगा। हम आरक्षण के विरोध में नही है न ही मै आरक्षण को सही मानते है मेरा प्रथम सिद्धात यही है भूखे को दो वक्त का भरपेट खाना, रहने के लिए मकान, पहनने के लिए अच्छे कपड़े, तथा नौकरी और काम। जिससे वह व्यक्ति स्वयं स्वावलंम्बी बनकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। जब मेरा यह सिद्धात समातामूलक हो जाएगा। तो लोग स्वतः ही आरक्षण जैसे शब्द ही भूल जाएगें।
मुद्दो का समर्थन:
- हमारी पार्टी राममन्दिर को पूर्ण समर्थन करती है क्योकि अयोध्या के श्रीराम मुश्लिम धर्म के स्थापना से पहले के है और श्रीराम सभी धर्मों के पूवर्ज है इसलिए हमारी पार्टी राममंदिर का पूरजोर समर्थन करता है और हम सत्ता में आए तो राममंदिर जरूर बनाएगें।
- धारा 370 और 35ए हटाने के मुददा का हमारी पाटी पूर्ण समर्थन करती हैै। क्योकि हमारी पार्टी इसे आतंकवाद की मुख्य जड़ मानती है। आतंकवाद दुनिया के लिए एक अभिशाप है अगर देश को विकसित बनाना है तो आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के संकल्प में हमे देश के सभी पार्टीयों और दुनिया के साथ एक जुट होना होगा।
व्यवस्था प्रदान करने वाले विकास कार्यो का आधुनिक प्रबंधन:
- हमारी सरकार देश के समस्त विद्यालयों, चिकित्सलयों, जिला कोर्ट से हाई कोर्ट, पाॅलिटेक्निक एवं आईटीआई, बस डिपों, रेलवे स्टेशनों आदि को आधुनिक माॅडल फ्रेमवर्क के आधार पर निर्माण कराएगी।
- सड़क देश के विकास की नाड़ी का कार्य करती है हमारी सरकार इसमें हर बेहतर सम्भावनाए तलास कर काम करेंगी जिसे देश में आवागमन सरल और सुलभ होने के साथ चिकित्सा एवं सुरक्षा मानकों से सुसज्जित हो। जिससे देश को गति मिल सकें।
- विद्युत व्यवस्थाओं को देश के कोने-कोने तक पहुचाने और कम से कम 24 घंटे विद्युत उपलब्ध कराने हेतु आधुनिक पहल करना। जनता को अधिकार दिया जायेगा कि वह ऑनकॉल माध्यम से अपने घरों में विद्युत कनेक्सन लगवा सकें, जिसका कोई अतिरिक्त सरचार्ज नही होगा। सरकार गरीब परिवारों को विद्युत बिल में छुट प्रदान करेगी, छुट का प्रकार इस प्रकार होगा 150 युनिट प्रतिमाह खर्च करने वाले को विजली बिल में 40 प्रतिशत, 200 युनिट प्रतिमाह खर्च करने वाले को 25 प्रतिशत और 200 युनिट से उपर प्रतिमाह खर्च करने पर विद्युत बिल में 15 प्रतिशत का छुट दिया जायेगा।
- गैस कनेक्सन को ऑनकाॅल किया जाएगा जिस भी परिवार को गैस कनेक्सन चाहिए उसके लिए किसी दफ्तर के चक्कर नही लगाने होंगें भारतीय पहचान संख्या पुष्टि के आधार पर व्यक्ति अपने घर से ही गैस कनेक्सन के लिए आवेदन कर सकते है जिसे पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होगा और सुनिश्चित किया जाएगा की 72 घंटों के भीतर परिवार को कनेक्सन दिया जाए।
- भारतीय पहचान संख्या द्वारा सरकार को यह ज्ञात होगा कि देश में ऐसे कितने लोग है जिनके पास अपना कोई घर नही है इसके लिए सरकार घर - कलोनियों का निर्माण कराएगी और उन्हें पक्के मकान देगी।
- देश के कई राज्यों और क्षेत्रों में पेयजल का आभाव है हमारी सरकार स्वच्छ जल प्रदान करने के लिए पेयजल बोर्डो को बढ़ावा देने और उसे प्रत्येक ग्राम, नगर, शहर तक पहुँचाने हेतु दृणसंकल्पित है।
- हमारी सरकार पैकेट बंद खाद्य पदार्थो पर कडे़ कानूनों के साथ कार्य करेगी। क्योकि बहुत सारी फर्जी और मिलावटी कंपनियाॅ बच्चों और युवाओं के लिए पैकेट बंद खाद्य पदार्थों को बनाती और बेचती है इससे देश का युवा धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहा है, जिसपर नियंत्रण रखना अति आवश्यक है।
- हमारी पार्टी ऐसे विकल्प तैयार करने में विष्वास रखती है जिससे देश में भ्रष्टाचार का पूर्ण अंत हो सकें। जिसमें कालाधन आर्थिक अपराध, भूमाफिया आदि द्वारा होने वाले फर्जी मामले और अपराध पर पूर्ण नियंत्रण हो सकेगा।
- भारत के समस्त विकास कार्यो के लिए निविदा हेतु आधुनिक पहल किया जाएगा। निविदा सम्बंधित योग्यता भारतीय पहचान पुष्टि तथा संस्था सत्यापन आधार पर निविदा दिया जाएगा। जिसके लिए व्यक्ति को संचालित एप्लिकेशन के माध्यम से आवेदन करना होगा। सम्बंधित संस्था को मांगे गए कोरम को पूर्ण करने के उपरान्त निविदा परिणाम ऑनलाइन माध्यम से घोषित किया जाएगा। इसमें छोटे-मझौले और नए पुराने सभी को अवसर प्रदान किया जाएगा। इसमें फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइस नही होगी।
युवा सशक्तिकरण हेतु आधुनिक प्रबंधन:
- युवाओं कि प्रतिभा को विश्वपटल पर लाने के लिए प्रत्येक ब्लाक, तहसील, जिला स्तर पर खेल के मैदान, संवाद भवन, कला एवं नाट्य संस्थान की स्थापना करेगी साथ ही युवाओं के प्रतिभा को देश और सरकार तक सीधा पहुँच हो इसके लिए एक एप्लिकेशन जारी करेगी जिससे कोई भी प्रतिभावान युवा अपने प्रतिभा का प्रदर्शन कर हमें अपने वीडियों, फोटो, वाॅयस रिकार्ड को भेज सकता है।
- युवाओं के इनोवेशन को सरकार बढ़वा देगी इसके लिए प्रत्येक जिलों में स्थापित आईटीआई केन्द्रों में इनोवेशन सेण्टर की स्थापना करेगी जिससे कोई भी नए इनोवेशन सरकार तक पहुँच सकें और युवाओं के प्रतिभा को विश्वपटल पर लाया जा सकें।
- युवाओं के पर्यटन के लिए सरकार अनुदान प्रदान करेगी। जिससे युवा देश के हर एक राज्य में जाकर वहां की संस्कृति सभ्यता और ज्ञान-विज्ञान का अध्ययन कर सकें जिसे उसकी प्रतिभा को निखारने में बल मिल सकें।
- हमारी पार्टी देश को विकसित बनाने के लिए नए इनोवेशन के आधार पर आधुनिक प्रणाली विकसित करने में विष्वास रखती है जिसके माध्यम से जनता के समस्त सरकारी कार्यो को सरल बनाने और समस्त विभागों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के कार्यो पर अपने रिसर्च द्वारा और प्रभावी बनाने का कार्य करेगी। जिससे सम्पूर्ण विश्व इसका अनुसरण करें।
हमारा प्रस्ताव
भारतीय पहचान संख्याः- भारत के नागरिको के लिए एक सशक्त पहचान प्रणाली विकसीत करना, जिससे देश के नागरिकों को छोट-छोटे कार्यो जैसे पहचान पत्रों, प्रमाण पत्रों, आवेदनों की पुष्टि हेतु लोगों को सरकारी मकड़जाल और फर्जीवाडे से मुक्ति दिलाना। इस प्रणाली द्वारा हम आंतरिक सुरक्षा और बहारी सुरक्षा पर पूर्ण नियंत्रण रख सकेगें। विस्तृत जानकारी के लिए वबसाइट देखें।
लाइव ईवीएम:- वर्तमान ईवीएम को समाप्त कर लाइव ईवीएम लाना होगा। जिससे देश में मतदान एवं मतगणना एक साथ हो सकें। लाइव ईवीएम हाने से मतदाता अपने बूथ क्षेत्र से बाहर होने की दशा में भी मतदान कर सकेगा। फर्जी मतदान पूणतः समाप्त हो जाएगा 18 वर्ष के उपर के सभी मतदाता अपना वोट कर सकेगें। मतदाता को इसके लिए किसी प्रकार का पर्ची और नाम की लिस्ट देखने की कोई आवश्यकता नही होगी। लाइव ईवीएम द्वारा हम प्रत्येक मतदाता योग्यता को नियंत्रण कर सकते है जैसे अपरािधयों के मतदान एवं परिवार में 2 बच्चों को मतदान का अधिकार आदि का नियंत्रण किया जा सकेगा।
लाइव ईवीएम होने से देश में मतदान व्यवस्था में जुड़े सैनिक, पुलिसबल, अधिकारी, कर्मचारी, प्राईवेट कम्पनीयों के आफिसर रैंक के लोगों को तथा सामाजिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मोबाईल द्वारा मतदान का अधिकार दिया जायेगा। जिससे देश में मतदान का प्रतिशत ??
हमारा संकल्प
अयोध्या को पुनः भारत एवं अवध प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाना?
यह निर्णय लेने का तीन मत्वपूर्ण कारण है जो तीन कथनों के अस्तित्व से जुड़ा है, जो आप सभी लोग अकसर सुनते आये है कि भारत विश्वगुरु था? रामराज्य यही था ? सोने की चिड़िया कहा जाता था?
जब हमने इन तीनों कथनों के अस्तित्व को ढूढने का प्रयास किया, तो हमें ज्ञात हुआ कि इन तीनों कथनों का अस्तित्व अयोध्या भूमि से जुड़ा है। जो भारत ही नहीं, अपितु पुरे विश्व की सबसे पहली संस्कार और संस्कृति की जन्म भूमि है, जो गुरुओं और महात्माओं की भूमि है, जहाँ का कण कण दिव्य और देवतुल्य है, जहाँ भाइयों के अटूट प्रेम सेवा, त्याग की गाथा आज भी लोगों को मर्यादा और संस्कार के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देती है, जो एक आयुद्ध भूमि है ।
क्योंकि अयोध्या भूमि से जुड़ी संस्कार और संस्कृति आज भी जीवन मूल्यों, आदर्शों, के साथ साथ प्रेम, सेवा, त्याग का उत्तम उदाहरण देता है और पूरी मानवता को कहीं न कही उत्तम जीवन जीने के लिए प्रेरित भी कर रहा है । इसलिए मेरा यह भी मानना है कि आज हम केवल यहीं से अपने आने वाली पीढ़ी को जीवन जीने का उत्तम उदाहरण दे सकते है।
जहाँ तक बात है इसकी प्रमाणिकता कि तो अयोध्या पूरे पृथवी की सबसे पहली राजधानी भी रही । युगों युगों से सम्पूर्ण अखंड भारत वर्ष की राजधानी रही। मुगल काल मे भी अवध प्रान्त की राजधानी रही , जिसके तमाम प्रमाण पुराणों और इतिहास में मिल जायेंगे।
इन्हीं सभी बातों से प्रेरती होकर हमने यह निर्णय दृष्टिकोण से लिया है, मेरा यह मानना है कि दृष्टि से दिखाई देने वाला हर तथ्य सत्य नहीं होता। जैसा कि आपने देखा होगा कि चंद पैसों की लालच में आकर सागा भाई भी आपका विरोधी हो जाता है, लोग अपने माता-पिता की सेवा करने के वजाय उन्हें घर से निकाल देते है, अपनी बेटी जैसी बहु को जिंदा जला दे रहे है, जाति/ धर्म तो दूर का विषय है ।
दृष्टिकोण यह कहता है कि 3500 वर्ष पूर्व तक पूरी दुनिया में कोई दूसरा धर्म नही था, अगर नही था, तो हम सब एक ही सनातन संस्कृति को मनाने वाले लोग है। आज भले ही हमसब पृथक पृथक धर्म और जाति में बट गए है, अगर देखा जाए तो हम सब एक ही है ।
मेरा मतलब यहाँ सिर्फ इतना है कि चाहे हिन्दू हो मुसलमान, सिख हो ईसाई जिस भी धर्म को मनाने वाला है, वह अपने बच्चे को जीवन जीने का उत्तम उदाहरण ही देता है और मानव मर्यादा के साथ जीवन जीने का सबसे उत्तम उदहारण अयोध्या भूमि के अलावा पूरी दुनिया के किसी भूमि से नही मिलता । इसलिए मैंने यह संकल्प लिया है।
अवध प्रदेश क्यों ?
वर्तमान में उत्तर प्रदेश को ४ भागों में बांटने की मांग उठ रही है। इसलिए हमने उत्तर प्रदेश को दो भागों में बांटने का निर्णय लिया है, पहला अवध प्रदेश/प्रान्त दूसरा ब्रज प्रदेश/प्रान्त। जो भारतीय सांस्कृतिक एवं धरोहरों का पूरा इतिहास है। अवध प्रान्त जिसमे पूर्वांचल के सभी जिले आएंगे, जिसकी राजधानी अयोध्या होगी, यह इसलिए कि यह कभी बहुत बड़ा प्रान्त हुआ करता था, जो बिहार यानी मगध और नेपाल के सीमा तक फैला था, इस प्रकार अयोध्या भारत और अवध प्रदेश की एक संयुक्त राजधानी होगी, जिसकी हम पूरी रूपरेखा बना चुके है, हमें इस प्रस्ताव पर जनता का समर्थन चाहिए।
अवध प्रदेश में हमने लखीमपुर हरदोई से लेकर ललितपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र तक के जिलों को शामिल किया है इसमें कुल 46 ज़िला आएगा। यह इसका नक्शा है :
सवा सौ करोड़ भारतीयों के मन में देश और जनता की समस्याओं से जुड़े प्रश्न जिनके समाधान के लिए भारत महापरिवार पार्टी ला चुकी है समाधान!
क्या है विश्वगुरु की परिकल्पना ?
आपने अक्सर सुना होगा कि राष्ट्रीय पार्टिया भारत को विश्वगुरु बनाने की बात करती है, खासकर बीजेपी इस शब्द का उपयोग राजनीती में ज्यादा करती है।
आपको बताना चाहता हूँ कि हम भारत के लोग अपनी संस्कृति से जुड़े हुए ज्ञान को एक संगठित विचारधारा का रूप देते है, जिससे सभी को सम्मान मिले और एकता के स्वरूप में लाया जा सके। जिससे हमारे अंदर उत्तम आचार, व्यवहार और संस्कारों का सृजन होता है, इसलिए हम दुनिया में पहले संस्कारों के साथ जीवन जीने वाले लोग है। इसलिए हम कण-कण के उपभोग के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते है और पूजते भी आये है। यही कारण है कि पूरी धरती को माँ मानते आए है और विश्व को परिवार जिसके कल्याण की कामना हम आज भी करते है।
परन्तु आज हम संस्कार विहीन होते जा रहे है, हम शिक्षा और ज्ञान के अंतर् को समझ नहीं पा रहे है और वैमनष्यता की भावना घर करती जा रही है, जिसे कुछ राजनितिक दल इन भावनाओं से खेलने का काम कर रहे है, जो कि वास्तविकता से कोसो दूर है।
हम सनातनी लोग कुछ पुरोधाओं के कहने पर गर्व करने के वजय अहंकार में अपने ही संस्कृति का नाश करते जा रहे है। दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का ज्ञान देने वाला भारत। आज भी ऊंच नीच की मानसिकता से बहार नहीं आ पाया, आज भी तमाम हिन्दू समाज के लोग अपने ही समाज के लोगों को अपमानित करते है उन्हें पूजा-पाठ करने तक से रोका जाता है। जिसका फायदा दूसरे धर्म के लोग उठाते है, जिस कारण से हम अपनी मूल संस्कृति को नष्ट करने में लगे है, जबतक हम अपने अंदर भेद भाव की भावना को नहीं मिटायेंगे, तब तक हमारे भावनाओं से मौका परस्त राजनितिक दल खेलते रहेंगे और हम भर्मित रहेंगे ।
क्या है रामराज्य की परिकल्पना ?
आज वर्तमान राजनीती में यह शब्द खूब प्रयोग किया जा रहा है, क्या आपको पता है? कि रामराज्य किसे कहते थे? आपको पता होना चाहिए कि श्रीराम जी पहले ऐसे शासक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम प्रजातंत्र की स्थापना किया था, जहाँ किसी प्रकार का कोई अपवाद न रहे, इसपर काम करते थे, जहां प्रजा की हर इक्छा राजा की इक्छा हुआ करता था। यह रामराज्य की वास्तविक अर्थ है ।
परन्तु आज वास्तव में प्रजातंज़ है और रामराज्य का दम्भ भरने वाली बीजेपी सरकार है, लेकिन आज आप देख रहे है, किसान १ साल से सड़कों पर मर रहा था देश खड़ी की गई स्थाई संपत्ति को गिरवी रखकर, किराये पर देकर देश को चलाने की जुगत लगाई जा रही है, जनता कुत्तों बिल्लियों की तरह मारी जा रही है, आय से ज्यादा टैक्स और जुर्माना वसूलकर जीडीपी बढ़ाई जा रही है, केवल सत्ता पाने के लिए औरतों का चीरहरण हो रहा है। अगर इसे रामराज्य कहेंगे है? तो आपसब श्रीरामजी का और रामराज्य शब्द का भी अपमान कर रहे है।
क्या है सोने की चिड़िया बनाने की परिकल्पना ?
आज़ादी के ७५ वर्ष बीत जाने के बाद भी हम विकासशील देश बने हुए है, जबकि चाइना भारत से २ दो वर्ष बाद आज़ाद हुआ और विकसित हो गया। आज दुनिया की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन गया है और दुनिया का सबसे प्राचीनतम ज्ञान रखने वाला भारत। आज चंद नेताओं द्वारा फैलाये गए जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद की राजनीती में फंसा हुआ है।
हम आजतक प्रतिव्यक्ति विकास का लक्ष्य नहीं तय कर पाए। हम जनसख्या आंकड़ों के हिसाब से देश के संसाधनों को सुनिश्चित नहीं कर पाए, आज भी इनपर राजनीती करके वोट माँगा जाता है। पिछली सरकार ने कोई योजना लाई तो दूसरी सरकार आने पर उसे रोकेगी। आज भी हमें किसी प्रकार का व्यवसायिक लाइसेंस या परमिशन लेना हो तो कई साल लग जाते है। नियुक्तियों का निर्धारण आज भी भ्रष्टाचार का शिकार है। भारत के युवाओं के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें छोटी छोटी चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आज भी हम एक खरीदार बनकर रह गए है जबकि चाइना एक सफल क्रिएटर की भूमिका में आ चूका है। आज भी तकनीकी के मामले में हम बहुत पीछे है और दूसरों की तकनिकी का इस्तेमाल कर रहे है।
हद तो तब हो गई जब वर्तमान बीजेपी सरकार स्थाई संपत्ति को गिरवी रखकर और किराये पर देकर देश की जीडीपी को बढ़ने की जुगत लगा रही है। आप चिंतन कीजिए घर को किराए पर चढ़ाकर क्या आप आर्थिक संपन्न बन पाएंगे ? हम निजीकरण की तुलना अमेरिका से कर रहे है, आप सोचिये अमेरिका की प्रतिव्यक्ति वर्तमान आय 65000 डॉलर प्रतिवर्ष है और भारत की औसतन आय एक दिन के सौं रुपए भी नहीं । आज हमे आरक्षण और सरक्षण दोनों की जरुरत है। लेकिन आज ही हम अपनी संपत्ति को गिरवी रख देंगे, तो सरकार कैसे आर्थिक रूप से कमजोर जनता के लिए मददगार साबित हो पायेगी? क्या आपको नहीं लगता है कि इस निजीकरण नीति से सरकार पूंजीपतियों की गुलाम बनकर रह जाएगी? क्योंकि निरंकुश शासन किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए घातक है, जिस नीति को हम 200 साल भोग भी चुके है, पहले अंग्रेजों के थे, अब अपना कहने वालों के, लेकिन मानसिकता में कोई बदलाव नहीं है, जिसपर हमें आज चिंतन करना होगा ?
क्या है राष्ट्रवाद का मूल।
राष्ट्र का तात्पर्य संस्कृति से होता है, यह सर्विदित है कि भारत की संस्कृति, तमाम संस्कृतियों की जननी है और दुनिया की सबसे श्रेठ संस्कृति है, जहाँ कण-कण को श्रद्धा भाव से देखने और पूजने की परंपरा रही है। इसलिए हम बसुधैव कुटुम्बकम और सम्पूर्ण धरती को माँ के रूप में मानते और पूजते आये है, जिनसे मानव में एक उत्तम संस्कार का जन्म होता है।
परन्तु आज हम भ्र्म रुपी राजनीती का शिकार होते जा रहे है और हम सत्य से दूर होते जा रहे है। जबकि हमारे धर्मशस्त्र का यह श्लोक हमारी विचारधारा की पहचान करता है :
( यं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् । उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥ (महोपनिषद्, अध्याय ४, श्लोक ७१), अर्थ - यह अपना है और यह दूसरे का है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों की तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है।
परन्तु वर्तमान राजनीती इस विचारधारा को बदल कर संकुचित विचारधारा के आधार पर काम कर रही है, इसलिए हमारी छोटी मानसिकता ही भूभाग को राष्ट्रवाद से जोड़कर संकुचित और खंडित करने का काम कर रही है।
आज हम झूठे राष्ट्रवाद के भ्र्म में आकर स्वयं की विचारधारा को छोटा और संकुचित करते जा रहे है। जबकि सत्य यह है कि राष्ट्र ही संस्कृति है और संस्कृति किसी भूभाग के बंट जाने पर समाप्त नहीं होता है, बल्कि यह बंटे हुए भूभाग को एक करने का काम करती है। आज हमे उन लोगों का ऋणी होना चाहिए, जो भारत की संस्कृति से जुड़े संस्कार को दुनिया के विभिन्न देशों में रहकर संजोए हुए है। जो पुनः भारत को अखंड भारत बनाने की एक कड़ी है।
मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि अच्छे लोगों के लिए पूरी दुनिया में रहने के स्थान है, लेकिन बुरे व्यक्ति के लिए स्वयं के घर में भी स्थान नहीं मिलता। जहाँ तक बात है, एक छोटे भूभाग को राष्ट्र से जोड़ना ,तो आप जाने अनजाने राष्ट्रवादी विचारधारा को खंडित करने का काम कर रहे है। आज हमें यह तय करना होगा कि हम राष्ट्र के लिए जी रहे है, या भारत के बांटे हुए छोटे से भूभाग के लिए। जिसका तात्पर्य देश की एक भगौलिक सीमा तक होता है, जो कमजोर होने पर गुलाम भी होता है और उसकी सीमाएं घटती भी है।
इसलिए मेरा मानना है कि आज जो लोग दुनिया के कट्टर विचारों वाले देशों में जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि में संघर्षों के साथ जीवन यापन कर रहे है। उन्हें वापस बुलाना हमारा मकसद नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें संरक्षित करना हमारा मकसद होना चाहिए, हमे ऐसी नीति बनानी चाहिए, जिससे वह सब सुरक्षित रह सके, वहाँ की राजनीती तंत्र का हिस्सा बन सके और वहां के तमाम क्षेत्रों में आप अपनी भूमिका तय कर सके। तभी हम अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा को फैला पाएंगे और अखंड राष्ट्र बना पाएंगे। तभी हम विश्वगुरु की परिकल्पना को साकार कर सकते है।
ऐसा नहीं कि यह हम अपनी राजनीति को चमकने के लिए ऐसा कर रहे है। आज के 3500 वर्ष पूर्व जब गुरु चाणक्यजी ने अखंड भारत की परिकल्पना किया था तब भी यहाँ की जनता भर्मित थी। लेकिन उन्होंने इस संकल्प को पूरा किया। हलाकि उस समय भूभाग को जीतकर उसे अपने अधीन मिलाने की परंपरा थी, लेकिन उस समय भी हमारा मकसद भारत की संस्कृति का फैलवा ही था , इसलिए गुरु चाणक्य जी ने चंदगत मौर्य की शादी सेल्यूकस की बेटी हेलन से कराया था, जिससे हमारी संस्कृति से जुड़वाँ बना रहे।
क्या है हिंदुत्व का परिचय?
आज जिस महान संस्कृति को आत्मसात करने वाले हिन्दुओं को स्वयं पर गर्व होना चाहिए है, वही हम एक संकुचित राजनीती के शिकार होते जा रहे है, जिनमे अहंकार बढ़ता जा रहा है। जिस कारण हम सब स्वयं के पतन का कारण बनते जा रहे है। हिंसा की निंदा करने वाला हिन्दू, आज हिंसक होता जा रहा है। आज हममें से कितने ऐसे लोग है, जो हिन्दू शब्द कहा से आया इसकी वास्तविक परिभाषा भी नहीं जानते है, वे गलत अवधारणा के शिकार हो रहे है और आज हिन्दू शब्द राजनीतिक दलों का अंग बनकर रहा गया। इस मामले में वर्तमान बीजेपी सरकार जैसे सर्टिफिकेट बाँट रही है, जैसा कि आज अभी देख रहे है, जो बीजेपी में नहीं है, वह राष्ट्रवादी और हिंदूवादी नहीं है।
हम सक्षिप्त में हिन्दू और हिन्दुस्थान के सम्बन्ध में बताना चाहता हूँ :
हमारे इतिहासकरों ने हिन्दू एवं हिन्दुस्तान नाम के विषय में बहुत से मत दिये है जिनमें बहुत सी भ्रांतियां है। लेकिन इन मतों से पहले हमारे प्राचीन ऋषियों ने हिन्दु एवं हिन्दुस्थान के विषय में तमाम साक्ष्य को प्राचीन ग्रंथों में उल्लेखित किया है। जैसे:- बृहस्पति आगम के अनुसार विशालाक्ष शिव द्वारा रचित राजनीति के महान शास्त्र का संक्षित महर्षि वृहस्पतिजी ने बार्हस्पत्य शास्त्र से किया। फिर वराहमिहिर ने एक शास्त्र लिखा जिसका नाम वृहत्संहिता है। इसके बाद वृहस्पति-आगम की रचना हुई। बृहस्पति आगम सहित अन्य आगम इरानी या अरबी सभ्यताओं से बहुत प्राचीनकाल में लिखा जा चुके थे। अतः उसमें हिन्दुस्थान का उल्लेख होने से स्पष्ट है कि हिन्दू या हिन्दूस्थान नाम प्राचीन ऋषियों द्वारा दिया गया था न कि अरबों/ईरानियों द्वारा।
हिन्दू के प्रामाणिक श्लोक में कहा गया हैः-
ऊँकार मूलमंत्राढ्यः पुनर्जन्म दृढाशयः
गोभक्तो भारतगुरूः हिन्दुर्हिसनदूशकः।
हिंसया दूयते चित्तं तेन हिन्दुरितीरितः।
‘ऊँकार’ जिसका मूल मंत्र है, पुनर्जन्म में जिसकी दृढ़ आस्था है, भारत ने जिसका प्रवर्तन किया है तथा हिंसा की जो निंदा करता है, वह हिन्दू है।
हिन्दुस्थान का प्रामाणिक श्लोक:
हिमालयात् सभारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते।। (बृहस्पति आगम)
अर्थातः हिमालय से प्रारंभ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव निर्मित देश हिन्दुस्थान कहलाता है।
हिमालय से हिन्दूः एक अन्य विचार के अनुसार हिमालय के प्रथम अक्षर ‘हि’ एवं ‘इन्दु’ का अंतिम अक्षर ‘न्दु’। इन दोनों अक्षरों को मिलाकर शब्द बना ‘हिन्दू’ और यह भू-भाग हिन्दूस्थान कहलाया। ‘हिन्दू’ शब्द उस समय धर्म की बजाय राष्ट्रीयता के रूप में जब प्राकृत एवं उपभ्रंष शब्दों का प्रयोग साहित्यिक भाषा के रूप में हाने लगा, उस समय सर्वत्र प्रचलित ‘हिन्दू’ शब्द का प्रयोग संस्कृत गंथों में होने लगा। ब्राहिस्पत्य, कालिका पुराण, कवि कोष, राम कोष, मेदिनी कोष, शब्द कल्पद्रुम, मेरूतंत्र, पारिजात हरण नाटक, भविष्य पुराण, अग्नि पुराण और वायु पुराणदि संस्कृत गंर्थो में ‘हिन्दू’ शब्द जाति अर्थ में सुस्पष्ट मिलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इन संस्कृत ग्रंथों के रचना काल से पहले भी ‘हिन्दू’ शब्द का जन समुदाय में प्रयोग होता था।
वर्तमान बीजेपी सरकार ने राजनीती का इतना स्तर गिरा दिया है कि आज एक हिन्दू दूसरे हिन्दू को, इसलिए देशद्रोही बना देता कि वह उनकी नीतियों का विरोध करता है। आप बताइए भारत की संस्कृति का ज्ञान देने वाली पार्टी देशद्रोह शब्द किसके लिए प्रयोग किया जाना चाहिए, यह तक भूल गई है। सत्ता के मद में इतने अंधे हो गए है, जो व्यक्ति बीजेपी का समर्थन नहीं करता है, उसे यह देशद्रोही और आंतकवादी बनाने में संकोच भी नहीं करते और वही व्यक्ति जब बीजेपी पार्टी के साथ जुड़ जाता है, तो वह राष्ट्रवादी हो जाता है।
आज बीजेपी सरकार, प्रधानमंत्री पद की एक गरिमा और भाषा की मर्यादा तक भूल गए है, वह यह भी नहीं सोचते कि प्रधानमंत्री के हर एक शब्द को दुनिया के इतिहासकार टंकित भी करते है। क्या आपसब को नहीं लगता की जिन लोगों को देशद्रोही बनाया जा रहा है वह इस देश के नागरिक है? उनका विरोध केवल आपकी नीतियों से है, यह कहाँ तक न्यायसांगत है? क्या यह निम्नकोटि की विचारधारा नहीं है? और क्या आप इस निम्नकोटि की विचारधारा से विश्वगुरु, रामराज्य की परिकल्पना कर रहे है?
मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, आज जिन्हे आदर्श मानकर बीजेपी झूठे राष्ट्रवाद और हिन्दुत्ववाद का भ्र्म फैलाने का काम कर रही है, कभी आपने उन महान पुरुषों के विचार पर चिंतन किया? आपके समक्ष कुछ उदहारण रखता हूँ शायद आपकी आँखों पर पड़े भ्र्म का पर्दा हटे:
- आपको बताना चाहता हूँ कि हिंदुओं के नायक कहे जाने वाले शिवाजी के गुप्तचर मामलों के सचिव का नाम था मौलाना हैदर उनके तोपखाने की कमान इब्राहिम खान के पास थी।
- महाराणा प्रताप इकलौते सरदार का नाम था हाकिम खान सुर।
- रानी लक्ष्मी बाई के मुँहबोले भाई नवाव अली बहादुर द्वितीय जो अंग्रेजों के साथ हुए युद्ध मे लक्ष्मीबाई के साथ थे, जिन्होंने लक्ष्मीबाई का अंतिम संस्कार भी किया था।
- सुभाष चंद्र बोस जी को जर्मनी तक पहुंचने और आज़ाद हिन्द फ़ौज को खड़ा करने में तमाम मुस्लिम ने साथ दिया इसलिए वे भारत को पंथनिरपेक्ष देश बनाना चाहते थे, जहां सभी धर्मों का सम्मान हो।
- हर भारतीय के हृदय में आज़ादी की लव जलाने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और चंद्र शेखर आज़ाद जैसे तमाम क्रांतिकारी के किस विचारधारा को मानते थे?
आपको बताना चाहूंगा कि आज यह जो सारी लड़ाई चल रही है, वह पंथ को धर्म बनाकर कटटरता के साथ मानाने और मनवाने को ले करके है। अभी मैंने जितने महापुरुषों का नाम लिया, यह सभी दूसरे पंथों को मानाने वाले लोगों को, अपनाने वाले लोग थे। जिसका सीधा अर्थ था कि व्यक्ति चाहें किसी भी पंथ या धर्म को मानते हो अगर वह व्यक्ति भारत की संस्कृति से जुड़ी राष्ट्रवादी विचारधारा से सहमत है, तो उन्हें वह स्वीकार थे। लेकिन आज यह लड़ाई पंथ निरपेक्ष से धर्म निरपेक्ष हो चूका है और धर्मनिरपेक्ष से धर्म विशेष यानि कटटरता का रूप लेता जा रहा है, जो राष्ट्र के लिए घातक है।
आप से कहना चाहूंगा कि आप वर्तमान बीजेपी की नीतियों पर चिंतन करें। आज स्वयं को सबसे हिंदूवादी कहने वाली सरकार हिन्दुओं के खतरे गिना रही है और हमे डरा रही है। हम यह तक भूल गए कि यह श्री राम और श्री कृष्ण की धरती है और पूरी दुनिया मे वीर पुरषों का प्रमाण कहीं मिलता है, तो वह सिर्फ भारत भूमि ही है। जहाँ पर शिवाजी, महाराणा प्रताप, लक्ष्मीबाई जैसे तमाम वीरों ने जन्म लिया। हम हौसलों से जंग जितने वाले लोग है और सवा लाख से एक लड़ाने वाले लोग है। हम कब से इतने कमज़ोर हो गए है? अगर ऐसा है तो हमे इस बीजेपी सरकार की नीतियों पर पुनः विचार करना होगा।
जातिगत और धर्मगत राजनीती से जुड़े प्रश्न ?
भारत २०० साल की गुलामी के बाद आज़ाद हुआ जहाँ हमे खुल का जीने और कुछ अच्छा करने की आज़ादी मिली। आज़ादी की घोषणा के बाद भारत को 565 रियासतों को एक करने की चुनौती को हमारे महान नेताओं सरदार बल्ल्भभाई पटेल जी, नेहरूजी, उनके सहयोगी बीपी मेनन ने दिनरात एक किया। जो जीवंत भारत का रूप बना। उसी भारत में सबसे पहले भाषावाद के आधार पर बाँटने वाले लोग खड़े हुए, आज क्षेत्रवाद का जहर घोला जा रहा है। जातिवाद अपने चरम पर आ चूका है, आज जातिवादी पार्टियों और संगठनो की एक बाढ़ आ चूका है। कुछ लोग जातिगत समस्याओं को गिनकर जातिगत, धर्मगत, क्षेत्रगत संगठन और पार्टिया खड़ी कर रहे है। परन्तु आप यह भी देख रहे है कि वही दल सत्ता में आने के लिए दूसरे दल के साथ गठजोड़ करते नजर आते है, तो क्या जातिगत, धर्मगत और क्षेत्रगत विचारों को मानाने वाले लोगों का हनन नहीं होता?
इसलिए मेरा सभी देशवाशियों से अपील है कि कृपया इन बहकावे में न आये इनसे आपका विकास सम्भव नहीं हो सकता। आजतक इन दलों ने समस्याएं गिनाई है, उनके समाधान का एक भी प्रस्ताव नहीं रखा। आजतक अगर हर एक समस्याओं के समाधान पर काम हुआ होता, तो आज देश का हर व्यक्ति आर्थिक रूप से विकसित हो चूका होता, लेकिन आज देश की दशा और दिशा आपके सामने है।
आपको बताना चाहता हूँ कि भारत महापरिवार पार्टी आपके हर एक मूल समस्याओं का समाधान बना चुकी है। उनसे से जुड़े कुछ प्रश्न जो आपके केवल मन में ही रह जाते थे उसे कोई दल सत्ता में आने के बाद पूरा नहीं करते बल्कि जो योजनाए लाते है उन्हें उस समाज के आर्थिक रूप से मजबूत लोग उठा लेते है और कमजोर आज भी वंचित है और उनमे इतनी खामिया है कि जमीनी स्तर पर जद्दोजहद करना पड़ता है।
क्या आपको नहीं लगता है कि जातिवाद , धर्मवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद पर राजनीती करने वाली पार्टियाँ आपसी मतभेद और वैमनष्यता फैला रही है ? और अप्रत्यक्ष रूप से देश को तोड़ने का काम कर रहे है।
जनता से जुड़े प्रश्न:
- क्या सरकारी मकड़जाल के शिकार है ?
- क्या आपका समय और धन सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने में बर्बाद हो रहा है ?
- क्या आपकी मूल जरुरत सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकत्सा आदि की समस्याओं पर आज भी राजनीती के शिकार है ?
- क्या शिक्षा में सुधार चाहते है ?
- क्या कृषि व्यवस्थाओं में सुधार चाहते है ?
- क्या स्वास्थ्य व्यवस्था अभी भी कोसों दूर है ?
- क्या हर हाथ को काम चाहिए ?
- क्या पारम्परिक व्यवसाय को विश्व पटल पर लाना चाहते है ?
- क्या लिखित, मौखिक परीक्षा को अपने गृह जनपद में करना चाहते है ?
- क्या फर्जी प्रमाणपत्रों, लाइसेंसों और फर्जी संस्थाओं की लूट को समाप्त करना चाहते है ?
- क्या आप मतदान और परिणाम एक दिन में चाहते है ?
- क्या आप वाहन लाइसेंस घर पर रहकर बनवाना चाहते है?
- क्या रेल, बस, बैंक, सरकारी उपक्रमों को निजीकरण से बचाना चाहते है ?
- क्या गौ से गॉव को आत्मनिर्भर बनाना चाहते है ?
- क्या बिजली, गैस ऐसे तमाम कनेक्शन ऑनकॉल चाहते है ?
समाधान विकल्प :
भारत महापरिवार पार्टी अपने लक्ष्य राजनीतिक सुधार एवं संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के साथ राजनीति में एक नई परंपरा की शुरुआत करने जा रही है। जहां हमारा मकसद "वादा" और "एजेंडों" आधारित राजनीती का अंत करना है और देश के प्रतिव्यक्ति विकास का लक्ष्य तय करना है। जो केवल और केवल समाधान की आधुनिक और पारदर्शी नीतियों से संभव है, जहाँ हर व्यक्ति का समय और धन को बचाया जा सकेगा, जिससे देश का विकास सुनिश्चित हो सके। जिसे भारत महापरिवार पार्टी समाधान के रूप में बना चुकी है, जिन आधारों पर हमने भारत महापरिवार पार्टी को देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसे आपके साथ और समर्थन की जरुरत है। आप हमारे तमाम समाधान नीतियों को हमारी वेबसाईट www.bharatmahaparivar.org पर जाकर पढ़ सकते है।
समस्या? - समाधान?
पहचान पत्र की समस्या? आज़ादी के ७५ वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक हम यह साबित करने में जुटे है कि हम इस देश के नागरिक है, क्योंकि जब भी हम सरकार के सेवा, सुरक्षा, व्यवस्था तंत्र से जुड़ते है, तो हमें स्वयं की पुष्टि बार-बार करानी पड़ती है, जिसके लिए हमें तमाम प्रकार के पहचान पत्र, प्रमणपत्र, दस्तावेज बनवाने पड़ते है, जिसके जंजाल से बचने के लिए, हम दलाल से जुड़ते है, कर्मचारी अधिकारी को रिस्वत देते है, जहाँ से भ्रष्टाचार की शुरुआत होती है।
समाधान? भारत महापरिवार पार्टी, भारतीय पहचान संख्या के रूप में एक ऐसे पहचान प्रणाली को विकसित किया है जो एक सशक्त नागरिक पहचान पुष्टि होगा। जिसके आने पर देश की जनता को जन्म, मृत्यु, जाति, निवास, आय, मतदाता कार्ड, राशनकार्ड, पैन कार्ड, आधारकार्ड किसी प्रकार का लाइसेंस आदि बनवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
- देश की जनसंख्या आर्थिक आंकड़ों यानी गरीबी,अमीरी के आंकड़ों के हिसाब से प्रतिदिन स्पष्ट होगा, जो देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा और पहचान का बेहतर विकल्प होगा।
- राशन कार्ड संख्या व्यक्ति के आर्थिक आधार पर स्वतः सक्रिय और निष्क्रिय होगा। जिनपर मिलाने वाले खाद्य पदार्थ व्यक्ति पारदर्शी तरह से ले सकेगा।
- नागरिक के 18 वर्ष पूर्ण होने पर मतदाता संख्या स्वतः ही सक्रिए होगा और वह मतदान के लिए योग्य होगा।
- हमारी इस प्रणाली में प्रतिव्यक्ति आय का प्रबंधन स्वतः होगा, जिससे निर्धारित आय से कम आय कमाने वाले नागरिक को तमाम तरह से छूट देकर सरक्षण प्रदान किया जायेगा।
- इस प्रणाली से जनता को दिए जाने वाले तमाम सेवाओं और व्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण रख जा सकेगा, जिसके स्पष्ट आंकड़े अनुसार बेहतर योजनाओं का विकल्प तैयार किया जा सकेगा और सही व्यक्ति को लाभ दिया जा सकेगा।
- इस प्रणाली से घुसपैठियें द्वारा स्थानीय नेताओं और अधिकारयों को रिस्वत देकर फर्जी पहचान-पत्र, प्रमणपत्र फर्जी दस्तावेज बनवाने पर रोक लगेगा। जिससे फर्जी नागरिकता को रोका जा सकेगा और देश के आंतरिक खतरों को मॉनिटर किया जा सकेगा।
कृषि क्षेत्र में समस्या:
आजतक भारत सरकार कृषि और किसानों के स्पष्ट आकड़े नहीं जुटा पाई। जिस कारण से आज कृषि क्षेत्र में तमाम समस्याएं बनी हुई है। जैसे उर्बरक और बीज समय से उपलब्ध न होने की समस्या। फसल नष्ट होने पर समय से मुवाबजा न मिलने की समस्या। फसल अधिक हो जाये तो भण्डारण की समस्या। उचित और निर्धारित मूल्य न मिलाने की समस्या। जैसी तमाम छोटी बड़ी समस्याए आज भी बनी हुई है।
समाधान : हम पहचान संख्या से यह स्पष्ट कर लेंगे कि देश में कितने किसान कितने भूमि पर खेती करते है और ऐसे कितने किसान है. जो दूसरों के खेतों में अधिया पर खेती करते है। जिन आधार पर हम किसान के कृषि सामग्री, जैसे बीज, उर्बरक, और उपकरण की जरूरतों को कोर प्रणाली द्वारा मॉनिटरिंग कर सकेंगे जिससे समय पर कृषि सामग्री को उपलब्ध कराया जा सके। इस प्रणाली में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी/ कर्मचारी अपनी मनमानी नहीं कर पायेगा।
- किसान की हर उत्पादन पर सरकार का पूरा नियंत्रण रहेगा। यानि फसल ख़राब होने पर मुआबजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- हम कृषि उत्पादकता के अनुसार भंडार गृह बनवाएंगे, जहां किसान अपने अनाज को निःशुल्क रूप से भंडारित कर सकेगा। जिन भंडारित अनाज के मूल्य त्वरित किसान के खाते में जायेगा।
- हम किसान को उसके नजदीकी मंडी और अनाज की खपत के तमाम संसाधन विकसित करने की रूप रेखा बना चुके है। जहां किसान न्यूनतम मूल्य पर अनाज बेच सकेगा। इसके लिए हम अनाज की न्यूनतम और अधिकतम मूल्य की गारंटी देंगे। हम एक ऐसे प्रणाली भी बना चुके है, जिसमे किसान को अपने अनाज को घर से ही भारत के किसी कोने में बेच सकेंगे।
शिक्षा क्षेत्र में समस्याएं :
विश्वगुरु कहा जाने वाला भारत में आज शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न हो चूका है। हमसब जानते है, किसी भी देश के विकास की नीव शिक्षा पर निर्भर होती है। आज भी सरकार के शिक्षा सुधार के बड़े -बड़े दावे फेल है और भरष्टचार का शिकार है। सरकार की लचर व्यवस्थाओं ने बहुसंख्यक में शिक्षा माफियों और शिक्षा व्यवसायी-यों को जन्म दे डाला है, जहां आज शिक्षा माफिया नकल-ची बेरोजगार युवाओं को जन्म देते जा रहे है, जिनके पास न तो शिक्षा है और न ही किसी प्रकार का व्यावसायिक कौशल, जिस कारण देश का युवा खुद को गलत मार्गदर्शन में आगे बढ़ा रहा है।
जैसा कि हम सब जानते है। आये दिन देखने और सुनाने को मिलता है कि फ़र्ज़ी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले पकड़े गए। यह सब क्या है? आज इतनी आधुनिकता के बाद भी अपने शैक्षिक प्रमाण-पत्र बदलकर लोग शिक्षक, राजनेता, अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर बनकर, लोगों को धोखा दे रहे हैं। सरकारी तंत्र का अहम हिस्सा बनकर, भ्रष्ट बनाने में जुटे है। बस इतना ही कहना चाहूंगा की आज हमसब को मिलकर समाधान ढूढने की जरूरत है, इसके लिए हम आपके समक्ष समाधान के कुछ अंश बता रहा हूँ :
समाधान : हमारा मकसद देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारना उसे अधिक से अधिक व्यवहारिक बनाना साथ ही पाठ्यक्रम, शिक्षण संस्थानों, शिक्षक छात्र की पूर्ण मॉनिटरिंग करना और नियंत्रण में रखना है। इसके निम्न प्रणाली इस प्रकार है :
प्रथम: हम सर्वप्रथम National Intelligence Quotient (NIQ) का गठन करेंगे। जिसके तहत देश के हर बालक एवं माता पिता का मानसिक, सोशल, एस्ट्रो के स्तर पर एक जाँच किया जायेगा। इस प्रणाली से बालक की पूर्ण मानसिक स्थिति और रुचियों के आधार पर एक रिपोर्ट दिया जायेगा साथ ही बालक के माता पिता को एक गाइड लाइन दिया जायेगा। उसी समय हर बालक का स्थाई शिक्षा आईडी संख्या दी जाएगी, जिस शिक्षा आईडी द्वारा बालक अपनी समस्त शिक्षाएं पूरी करेगा।
द्वितीय : हम एक शिक्षा, एक बोर्ड की प्रणाली को लाएंगे । जहां व्यवहारिक पाठ्यकर्म को प्रथमिकता दिया जायेगा । छात्र को पाठ्यक्रम को चयन करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी। छात्रों की प्रतिभा को विश्वपटल पर लाने के लिए केन्द्रीय स्तर पर पैनल बनाये जायेंगे, जिससे छात्रों से सीधा संवाद होगा।
तृतीय: इस प्रणाली में देश के समस्त शिक्षा संस्थाओं को इन पैनल किया जायेगा और इन शिक्षा संस्थानों द्वारा छात्र को दी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर ग्रेडिंग तय की जाएगी और इसी ग्रेडिंग के अनुसार छात्र से ली जाने वाली पंजीयन, मासिक फीस, इवेंट शुल्क निर्धारित किये जायेंगे। जिससे शिक्षण संस्थानों द्वारा मनमाने शुल्क की वसूली बंद हो सके और संस्थान अपने गुणवत्ता मानक को बेहतर बना सके।
चतुर्थ : जैसा कि हमने प्रथम प्रणाली में कहा है कि हर छात्र का एक शिक्षा आईडी होगा, जो कोर प्रणाली पर काम करेगा। जिससे हम प्रत्येक छात्र की मॉनिटरिंग और शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकेंगे । इससे फर्जी प्रमाणपत्रों, शिक्षण संस्थानों आदि का अंत होगा और छात्र को सही मारदर्शन मिलेगा।
पंचम : सम्पूर्ण भारत के शिक्षक को इन पैनल किया जायेगा। शिक्षकों के विशेषज्ञता का समय-समय पर मूल्यांकन और प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाया जायेगा। शिक्षकों को कम से कम 25 हजार रूपये मासिक मानदेय तय किया जायेगा, जिन्हें हर साल शिक्षण गुणवत्ता के मूल्यांकन के आधार पर 1 प्रतिशत का वेतन वृद्धि किया जायेगा, वेतन वृद्धि की यह प्रक्रिया १० वर्षों तक प्रभावी होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में समस्याएं :
देश की बढ़ती जनसंख्या और बढ़ते संसाधनों के कारण हमारा वातवरण प्रदूषित होता जा रहा है, जिसके कारण तमाम प्रकार के वॉयरस प्रभावी होते जा रहे है और तमाम जानलेवा बीमारियों को जन्म देते जा रहे है। परन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बढ़ने के वजाय उनपर राजनीती करने में जुटी है, सत्ता के प्रभावी नेता अपने ही क्षेत्र में चिकित्सालय बनवायेगे, ऐसी राजनितिक सोच से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का परिचालन किया जाता है। क्या ऐसी सोच के साथ समूचे स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधार पाना सम्भव होगा?
सरकार की इन्हीं लचर व्यवस्थाओं के कारण बहुसख्यक में स्वास्थ्य सेवा देने वाले फर्जी चिकित्सालय, डॉक्टर, और नकली दवाओं का व्यापार बढ़ रहा है। जो चिकित्सालय सरकार के कुछ मानकों को पूरा करती है, वे सुविधाओं को देने के नाम पर और दवाओं की अपनी मोनोपॉली चलकर मरीजों से कई सौ गुना धन उगाही कर रहे है, जिसपर सरकार कोई नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
समाधान : हम देश की बढ़ती जनसंख्या और बीमारी को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के लक्ष्य को निर्धारित किया है। जिसके लिए हमने प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज, २(दो) मंडलों के बीच एक पीजीआई और ५ (पांच) मंडलों के बीच एक एम्स को बनाने का लक्ष्य रखा है।
- इलसिए हमने स्वास्थ्य समस्याओं का एक स्थाई समाधान निकाला है, जिसके लिए हमने चिकित्सालय, मरीज और डॉक्टर की कोर प्रणाली को विकसित किया है। जहां हम दवाओं और सर्जिकल उत्पादों के गुणवत्ता मानकों के आधार पर मूल्यों का निर्धारण करेंगे। जिसपर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होगा। निम्न समाधान इस प्रकार है :
- हमने एक कोर प्रणाली को बनाया है जिसके अंतर्गत देश भर के चिकित्सा सेवा देने वाले चिकित्सालय और डॉक्टर, शारीरिक जाँच केंद्र आदि जो भी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े है, इन पैनल किये जायेंगे। जिससे डॉक्टरों के विशेषज्ञता को परखा जा सके। चिकित्सालय की गुणवत्ता मानकों को बेहतर बनाया जा सकेगा।
- हम चिकित्सालय की गुणवत्ता मानकों और डॉक्टर परामर्श विशेषज्ञता को मरीज के राय अनुसार परखते रहेंगे। जहां चिकित्सालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और डॉक्टरों द्वारा लिए जाने वाले परामर्श शुल्क का निर्धारण होगा। इसप्रकार मनमाने शुल्क वसूली पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होगा।
- मरीज को तमाम चिकित्सा सुविधाएं घर बैठे ही मिल जायेंगे। जैसे चिकित्सालयों में बेड की स्थिति, डॉक्टर की उपलब्धता, दवाओं, सर्जिकल सामग्री और ब्लड की उपलब्धता। मरीज भारत के किसी भी डॉक्टर से घर बैठे सलाह ले सकेंगे। मरीज के सभी टेस्ट रिपोर्ट, टेस्ट उपरांत स्वतः मरीज की आईडी से जुड़ जायेंगे, जिससे उन्हें टेस्ट रिपोर्ट या पर्चा को लेकर चलने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी।
- आर्थिक रूप से कमजोर मरीज को इलाज के लिए निःशुल्क इलाज की व्यवस्था सम्पूर्ण भारत में होगा, जिसके लिए कोई दस्तावेज देने की जरुरत नहीं होगी।
- इस तरह देश में फर्जी चिकित्सालय, डॉक्टर, दवाओं का अंत होगा और मरीज को गलत इलाज से बचाया जा सकेगा।
- स्वास्थ्य सेवाएं गांव और हर गरीब तक पहुंचे, इसके लिए चिकित्सालय खोलने, दवा बनाने और बेचने के लिए लाइसेंस प्रणाली को सरल बनाया जायेगा है, जिन्हें मानकों को ऑनलाइन पूरा करने के उपरांत त्वरित प्रदान किया जायेगा।
बढ़ती बेरोजगारी बड़ी समस्या :
आज देश की बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बन चुका है, जिसका मुख्य कारण व्यवहारिक और रोजगार परक शिक्षा का न होना, मंहगा होना, युवाओं की योग्यता क्षमता के अनुसार मार्गदर्शन की कमी, सरकार की जटिल नीतियां, जिसके कारण युवाओं में भटकाव की स्थिति बनी हुई है और बढ़ती बेरोजगारी का मुख्य कारण बना हुआ है।
समाधान : हमने एक ऐसी प्रणाली को विकसित किया है, जहां देश के युवाओं को प्रतिदिन ज्ञात होता रहेगा कि देश के तमाम निजी और सरकारी संस्थाओं में कितने पद रिक्त होने वाले है और भविष्य में कितने पद रिक्त होंगे और उनकी क्या योग्यता मांगे है? जिनके आधार पर युवा स्वयं की क्षमतानुसार शिक्षा का चयन कर सकेगा। इस प्रणाली में देश के में कितने बेरोजगार है और कितने रोजगार एवं स्वरोजगार से जुड़े है, यह देश की युवाओं को प्रतिदिन पता चलता रहेगा। हमारा यह मानना है कि जबतक आंकड़े स्पष्ट नहीं होंगे तबतक युवाओं के मार्गदर्शन का पारदर्शी प्रबंधन नहीं किया जा सकता। हम तमाम रोजगार के स्रोत को विकसित कर प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ेंगे, जिसकी एक प्रामाणिक रूपरेखा भी जारी करेंगे। युवाओं को मिलाने वाले निम्न लाभ इस प्रकार है :
- हमने योग्यता मानकों को परखने और नियुक्ति निर्धारण की प्रणाली को विकसित किया है। जिसके अंतर्गत युवाओं का लिखित और मौखिक परीक्षाएं उनके गृह जनपद से ही पूरा कर लिया जायेगा। जहां युवाओं के समय और धन को बचाया जा सकेगा।
- इस प्रणाली में फर्जी नियुक्तियां और फर्जी संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली नौकरी का पूर्णतः अंत होगा। जिससे युवाओं के भविष्य से होने वाले खिलवाड़ को रोका जा सकेगा।
- हम एक मार्गदशन पैनल का गठन करेंगे जहां युवाओं को उनकी योग्यता क्षमतानुसार रोजगार और स्वरोजगार के लिए मार्गदर्शित किया जायेगा, जहां युवा निःशुल्क मार्गदशन ले सकेगा।
- देश में असंगठिक रूप से काम करने वाले मजदूर, कामगार मिस्त्री, हुनरमंद लोगों के लिए मुफ्त कार्यशाला बनाई जाएगी। जहा उन्हें उनके काम से जुड़े हुनर को तकनिकी से जोड़ा जायेगा, जिससे श्रमिक कम से कम समय में बेहतर कार्य सके।
- हमने एक ऐसी प्रणाली को विकसित किया है, जिससे श्रमिकों को २५ दिन की काम की गारंटी मिल सके साथ हम यह सुनिश्चित भी करंगे कि 5 दिन की हाफ श्रमिक दिया जा सके। जिससे वे एक बेहतर आय प्राप्त करे सके और आत्मनिर्भर बन सके। हम श्रमिकों के श्रमिकी शुल्क का निर्धारण घंटेवार, दिनवार करेंगे। जहां उन्हें पूरा श्रमिक मिल सके। हम उन्हें यह भी स्वतंत्रता प्रदान करेंगे कि स्वयं की शारीरिक क्षमतानुसार श्रमिक ओवरटाइम कर सके।
- हम असंगठिक रूप से कार्य करने वाले श्रमिकों को मुफ्त चिकित्सा और शिक्षा के साथ परिवहन सेवाओं में २५ प्रतिशत की छूट प्रदान करंगे।
- हम तमाम प्रकार के व्यवसायिक लाइसेंस और पंजीकरण का सरलीकरण करंगे, जिससे व्यवसाय करने वाले युवाओं को त्वरित व्यवसाय से जोड़ा जा सके, जिससे अधिक से अधिक स्वरोजगार की स्थिति बन सके।
- हम प्रत्येक जिले में इनोवेशन सेण्टर की स्थापना करेंगे, जहा कोई भी पढ़ा लिखा या बिना पढ़ा लिखा आकर आपने इन्वेंशन को पूरा कर सके, जिससे देश की प्रतिभाएं विश्वपटल पर लाये जा सके।
- हम देश के हर छोटे बड़े पारम्परिक व्यवसाय और हुनर को विश्व पटल पर लाने के लिए खुला मंच प्रदान करंगे जहां हमारी मार्गदर्शन मंडल उनके व्यावसायिक तकनिकी को बढ़ने और बाजार तक पहुँचाने में मदद करेगी।
- हम रिमोट वर्क सिस्टम प्रणाली द्वारा जॉब को मान्यता देंगे और विश्वसनीय बनायेगे, जिससे ऑनलाइन होने वाले जॉब को बढ़ावा मिल सके।
महंगाई समस्या : आज देश की सरकार महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं कर पा रही है। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2020 में अपने साढ़े छह साल के सबसे ऊंचे स्तर 7.6% तक पहुंच गई है, जो नवंबर 2021 में थोक महंगाई की दर (Wholesale Price Index – WPI) 12.54 फीसदी से बढ़कर 14.2 फीसदी होगी गई है, इस तरह देश में महंगाई बढ़ती ही जा रही है वहीं सरकार मुद्रास्फीति का रोना रोकर मूल वजहों से किनारा कस रही है।
जबकि देश की मुद्रास्फीति प्रतिव्यक्ति द्वारा उपभोग किए जाने वाले वस्तुओं की अधिक और कम उपभोग पर तय होता है। जाहिर सी बात है, वस्तु और सेवाएं सस्ती होंगी तो उपभोग अधिक होगा और महंगी होंगी, तो उपभोग कम होगा। उपभोग कम होने पर हमारी मुद्रा का स्तर गिरेगा।
अब प्रश्न उठता है? वस्तुओं के मूल्य को कम करने का मूल कारण क्या है? दूसरा प्रश्न खड़ा होता है कि वस्तु के उत्पादन का मूल स्रोत क्या है? उत्तर मिला, ऊर्जा के विभिन्न स्रोत जैसे विद्युत एवं पेट्रोलियम पदार्थ, जिनपर सरकार अपना नियंत्रण खोती जा रही है और जिसके निजीकरण में लगी है। जैसा कि आपको पता भी है कि जब अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरते है, तो यहाँ तेल के दामों में मामूली कमी करके अलग से टैक्स बढ़ा दिए जाते है। कुल मिलाकर सरकार इन स्रोतों के टैक्स माध्यमों से देश की जीडीपी को बढ़ने की जुगत में लगी है।
आज जहां हम एक तरफ स्टर्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया की बात कर रहे है, वही दूसरी तरफ हमारे उत्पाद महंगी विद्युत और परिवहन के कारण महंगे बन रहे है, हमारे संसाधन छोटे और ओल्ड तकनीक पर चल रहे है, जिसके कारण उत्पाद और भी और महंगे बन रहे है, जो भारत के बाजार में ही प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे है और हमारे पड़ोसी देश चाइना से आए उत्पाद यहाँ की सरकार को भारी भरकम टैक्स देने के बावजूद सस्ते दामों में बेच रहे है और उन उत्पादों के सस्ता होने के कारण हम उन पर निर्भर होते जा रहे है। इसलिए मेरा यह मानना है कि जबतक सरकार इन ऊर्जा के मूल स्रोतों से जीडीपी बढ़ने का काम करेंगी, तबतक देश में महंगाई को नियंत्रित नहीं किया सकता।
समाधान: हमारी सरकार ऊर्जा के मूल स्रोतों जैसे विद्युत और डीजल पेट्रोल के टैक्स में भरी कमी लाएगी। जिससे कृषि और वस्तुओं के उत्पादन लागत को घटाया जा सके और सड़क मार्ग राष्ट्रीय और एक्सप्रेसवे पर लिए जाने वाले माल वाहनों पर टैक्स को आधा करेगी। जिससे महंगाई को नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए हम विभिन्न क्षेत्रों में टैक्स में भाई छूट देंग।
कृषि उत्पादन क्षेत्र : हम किसानो को 2 रूपये पर यूनिट विद्युत प्रदान करंगे। हम डीजल में लिए जाने वाले टैक्स में ५० प्रतिशत तक कटौती करेंगे, जिससे कृषि उत्पादन लागत कम होगी। हमारा मानना है कि जब मूल वस्तु जैसे अनाज दलहन तिलहन की उत्पादन लागत कम होगी तो उससे बनाने वाली वस्तुओं की लागत भी कम होगी। इसलिए किसान को यह छूट दिया जाना, महंगाई को नियंत्रित करेगा।
वस्तु उत्पादन क्षेत्र : किसी भी वस्तु के उत्पादन मूल्य विद्युत और मॉल भाड़ा मतलब डीजल या पेट्रोल की दामों पर निर्भर करता है, हमारा मकसद स्पष्ट है कि जबतक इनमे कमी नहीं की जाएगी तबतक महंगाई को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसलिए हमारी सरकार व्यवसायिक विद्युत को 3 रूपये प्रति यूनिट करेगी और डीजल के टैक्स में ५० प्रतिशत तक कमी लाएगी।
हमारा मानना है कि जब महंगाई दर कम होगी तो प्रतिव्यक्ति विकास का दर बढ़ेगा, व्यक्ति जब आर्थिक रूप से मजबूत होगा, तो खरीदारी बढ़ेगी, तब मुद्रा का परिचालन और बढ़ेगा। इस प्रकार तमाम स्रोतों से टैक्स की संभावनाएं बढ़ेंगी, तभी देश की जीडीपी स्थाई रूप से बढ़ाया जा सकेगा।
सड़क मार्ग राष्ट्रीय राज मार्ग और एक्सप्रेसवे पर लिए जाने वाले माल वाहनों पर टोल को ५० प्रतिशत तक की कमी लाएंगे और यह सुनिश्चित करंगे कि अनावश्यक टोल बंद हो।
इसप्रकार हम तमाम ऊर्जा स्रोतों की संभावनाओं को बढ़ावा देंगे और उन्हें सस्ते एवं सरल तकनिकी से जनता तक पहुंचने का काम करेंगे।
परिवहन समस्याएं : पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आज तमाम सेवाएं चलाई जा रही है, जैसे बस, रेल, हवाई जहाज, पानी के जहाज और प्राइवेट छोटे गाड़िया। जिनमे व्यापार की आपार संभावनाएं व्याप्त है, जिसे सही ढंग से प्रबंधन किया जाना जरुरी है। हमारा मानना है कि जिस तरह भोजन हर व्यक्ति की मूल जरुरत है, उसी प्रकार व्यक्ति का आना-जाना एक मूल जरुरत बन गया है और उनसे जुडी अन्य व्यवस्था जैसे ठहरने के लिए होटल, खाने के रेटोरेन्ट, संचार आदि। जो वर्तमान की जीडीपी में १८ प्रतिशत से अधिक तक का योगदान कर रहा है, अगर इन क्षेत्रों को आधुनिक रूप से विस्तारित किया जाये, तो इन क्षेत्रों में जीडीपी को ५० प्रतिशत तक पहुँचाया जा सकता है।
लेकिन आज भी बस सेवा पब्लिक ट्रांसपोर्ट १०००० यात्री पर ६ बस है, जो विकास को गति देने के लिए बहुत ही कम है और करीब 90 प्रतिशत लोगों के पास बड़ी गाड़िया नहीं है। उसी प्रकार रेल से करीब हर वर्ष 8.5 अरब लोग यात्रा करते है, जो किसी एक छोटे देश के जनसंख्या के बराबर है, अब आप सोच सकते है कि कितनी आपार समभावनाये रोजगार की उपलब्ध है। लेकिन सरकार इसके निजीकरण से किराया लेकर देश की जीडीपी को बढ़ने में लगी है, जबकि इसका बहुत ही सरल ढंग से प्रबंधन किया जा सकता है।
समाधान : हम परिवहन क्षेत्र से जुडी सभी संभावनाओं को आधुनकि और पारदर्शी रूप से प्रबंधन करने की पूरी योजना बना चुके है।
बसों का प्रबंधन : हमारी सरकार का लक्ष्य होगा कि प्रतिवर्ष कम से कम हर एक प्रदेश की २५ डिपों को आधुनिकीकरण किया जायेगा। जिसके अंतर्गत आधुनिक बस स्टेण्ड और लग्जरी बस को शामिल किया जायेगा। और ओल्ड बसों को हटाया जायेगा। इन बस स्टेंडो पर सस्ते दर में ठहरने की व्यवस्था, भोजन और संचार व्यवस्था को स्थापित किया जायेगा।
रेल का प्रबंधन : हमारा लक्ष्य बढ़ते यात्रियों को देखते हुए रेल व्यवस्थाओं का क्रियन्वयन करना है जैसे संभावित यात्री घनत्व के अनुसार स्टेशन निर्माण करना। हम भविष्य को देखते हुए 6 लेन रेलवे लाइन के निर्माण पर काम करेंगे। यात्रियों की हर सुविधा के लिए तमाम आधुनिक संसाधनों को विकसित करेंगे, जिनसे उनका समय और धन बचाया सके।
प्रत्येक नागरिक को यात्रा लाभ दिया जायेगा, जिसके अंतर्गत यात्रा के दौरान व्यक्ति के साथ किसी प्रकार की अनहोनी होने पर सहायता एवं सहयोग प्रदान किया जायेगा।
अभी बसों और ट्रेनों में ऑनलाइन टिकट प्रणाली संचालित है, लेकिन जटिल और बोरिंग है। जो हमारी प्रणाली में अत्यंत सरल और पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा होगा, जिसे कोई भी नानटेक व्यक्ति आसानी से प्रयोग कर सकेगा।
आत्मनिर्भर गाँव की परिकल्पना :
हम गांव को समृद्ध और खुशाल बनाने का सकल्प ले चुके है। हम भारत को गौ से समृद्ध गांव बनाने की योजना बना चुके है। जहां गांव का हर एक व्यक्ति का 12 से 18 हजार तक की आय सुनिश्चित होगा। यानि गांव से शहर का पालयन बंद होगा। क्योंकि हमारा मानना है कि गांव समृद्ध, तो देश समृद्ध। जिन आधारों पर हम एक गांव की जीडीपी को बढाकर देश की जीडीपी को बढ़ाएंगे। जो इस प्रकार से होगा :
- हर गांव में शिक्षा का मार्डन स्कुल, व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र, मिनी स्टेडियम, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमो के लिए धर्मशाला आदि का निर्माण किया जायेगा।
- हर १० ग्राम को मिलकर एक-एक महाविद्यालय महिला और पुरुषों के लिए।
- मृदानुसार कृषि उत्पादन और उनसे जुड़े व्यवसाय स्थापित किये जाएंगे जैसे :
- गेहूं उत्पादक क्षेत्र में गेहूं से निर्मित वस्तुओं के कुटीर उद्योग।
- गन्ना उत्पादक क्षेत्र में कोल्हू प्लांट निर्मित गुण, मिश्री आदि ।
- चावल उत्पादक क्षेत्र में चावल से निर्मित वस्तुओं के कुटीर उद्योग।
- उत्पादकता के आधार पर कोल्ड स्टोरेज और भण्डारकक्ष जहां निःशुल्क भण्डारण की सुविधा।
- हर 4 ग्रामों के बीच किसान बाजार जहां गांव से निर्मित वस्तुओं और पारमपरिक वस्तुओं को बेचने का केंद्र होगा।
- सामूहिक गौशाला के साथ मिल्क प्रोडेक्ट प्रोसेसिंग यूनिट ।
- गौशाला द्वारा गोबर गैस प्लांट यानि हर घर को घरेलु गैस।
- गोशाला द्वारा गोबर पॉवर प्लांट यानि हर घर को 24 घंटे विद्युत।
- पक्की सड़के, पक्के माकन, पक्की नाली, मनोरंजन स्थल का निर्माण होगा।
- ग्रामीण स्वास्थ्यए सेवाएं को आधुनिक बनाना, हर ग्रामसभा के लिए एक एम्बुलेंस की अनिवार्यता सुनिश्चित करना, जो जिला चिकत्सालय, पीजीआई तक लाने ले जाने के लिए मान्य होंगे।
- जिन ग्रामों में भूमिगत पेयजल की व्यवस्था नहीं है वहां पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
- गांव के हर पारमपरिक उत्पादों को ऑनलाइन किया जायेगा, जिसे भारत के पटल पर लाया जा सके।
परिवारिक बीमा एवं सुरक्षा लाभ:
आर्थिक आधार पर बीमा सुरक्षा लाभ देश के प्रत्येक नागरिक को दिया जायेगा। जिसके अंतर्गत 2.50 लाख तक वार्षिक आय प्राप्त करने वाले सभी परिवारों को 15 लाख रूपए तक की नि:शुल्क चिकित्सा लाभ दिया जाएगा। गंभीर बीमारी एवं यात्रा आदि के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को 15 लाख तक आर्थिक लाभ दिया जाएगा।
आरक्षण और सरक्षण :
हमारी सरकार आरक्षण और सरक्षण दोनों के पक्षधर है, लेकिन निम्न क्षेत्रों में हम आरक्षण न देकर समयावधि को बढ़ाएंगे। जैसे : डॉक्टर, इंजीनियर और अध्यापन के क्षेत्रों में हम आरक्षण देने का विरोध करते है। इसके लिए हम इन क्षेत्रो में प्रतियोगी के उम्र की समयावधि को 35 वर्ष करेंगे। इसप्रकार जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार है, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, खाद्य पदार्थों में भरी छूट या निःशुल्क दिया जायेगा, जिससे वे माध्यम वर्ग की श्रेणी में आ सके।
महिला सशक्तिकरण
- भारतीय पहचान संख्या आने से परिवार की आय की पुष्टि त्वरित की जा सकेगी। इस प्रकार जिन परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख तक होगी, उनके परिवार के बेटियों को 21 वर्ष बाद 21 लाख रूपया प्रदान किया जाएगा साथ ही उन्हें आजीवन स्वास्थ्य और निशुल्क शिक्षा लाभ प्रदान किया जायेगा ।
जन सहायता
- अनाथ/असहाय बालक/बालिकाओं एवं बालक (तीसरा लिंग) को स्वावलंबी बनने तक का पूर्ण ख़र्चा सरकार प्रदान करेगी। इस प्रकार ऐसे बालक/बालिकाओं एवं बालक(तीसरा लिंग) को गोद लेकर पालन-पोषण करने वाले परिवार या संस्था को सरकार ( रू0 3 हजार मासिक) प्रदान करेगी। हमारी सरकार इन्हें नौकरी में वरीयता प्रदान करेगी।
- देश सेवा के कार्यो में लगे जवान एवं इंटेलिजेंस अफ़सर आदि शहीद होने पर उनके परिवार को दिए जाने वाले लाभ को 48 घंटे के भीतर दिए जानें का प्रावधान सुनिश्चित किया जायेगा, साथ ही उनके परिवार को 25 वर्ष तक रूपये 30 हजार मासिक दिया जायेगा। जिससे उनके परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित किया जा सकें।
पेंशन लाभ
- हमारी सरकार देश के सभी नागरिकों को पेंशन लाभ देगी। प्रथमतः सरकारी पेंशन को पुनः बहाल करेगी। दूसरा: 2.5 लाख तक वार्षिक आय प्राप्त करने वाले हर नागरिकों को 60 वर्ष उपरान्त रुपया 15 हजार तक पेंशन लाभ दिया जायेगा।
कानून व्यवस्थाओं का आधुनिक प्रबंधन:
ऑनलाइन एफ़आईआर प्रबंधन : वर्तमान में ऑनलाइन एफ़आईआर का प्रावधान है, जटिल प्रक्रिया होने के कारण इसका उपयोग सही ढंग से लोग नहीं कर पाते है, जिसे बहुत ही सरल बनाया जायेगा। जिससे कोई भी व्यक्ति घटना स्थल की वास्तविक स्थिति को बोलकर वीडियो रिकार्ड के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकेगा।
फ़र्ज़ी मुक़द्दमों का आधुनिक प्रबंधन : हमारे यहाँ ज्यादा तर मुकद्दमे भूमि विवाद को लेकर होते है और फौजदारी तक चले जाते है। ऐसे तमाम मामलों का हल हमारी भारतीय पहचान प्रणाली से स्वतः ख़त्म हो जायेंगे क्योंकि फर्जी दस्तावेजों से भरे मामले स्पष्ट होंगे।
मुक़द्दमों की सुनवाई का आधुनिक प्रबंधन: मुक़द्दमों की तारीख ऑनलाइन प्रणाली पर होगा। जिससे वादी-प्रतिवादी को उनके मोबाइल पर सूचनाएँ प्रदान की जाएगी। स्थानीय स्तर के किसी वादी - प्रतिवादी को हाईकोर्ट या सुप्रिमकोर्ट जाने की कोई आवश्यकता नही होगी। आधुनिक प्रणाली में वादी-प्रतिवादी अपने अधिवक्ता को ऑनलाइन हॉयर कर सकता है। कोर्ट मुक़द्दमों को स्थानीय कोर्ट से ही सुनवाई हेतु ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से कर सकेगा।
लाइव ईवीएम :- हमारा वर्तमान ईवीएम को समाप्त कर लाइव ईवीएम लाने का प्रस्ताव है, जिससे देश में मतदान एवं मत-गणना एक साथ हो सकें। इस प्रणाली से मतदाता निर्वाचन क्षेत्र से बहार भारत के किसी क्षेत्र में रहकर अपने क्षेत्र के प्रत्याशी को मतदान कर सकेगा। इस प्रणाली में मतदाता सूचि में फेरबदल और फर्जी मतदान की संभावना समाप्त होगा। मतदाता सरल प्रक्रिया द्वारा स्वयं की पुष्टि आधार पर मतदान कर पायेगा।
लाइव ईवीएम प्रणाली आने से देश का हर नागरिक जो देश की तमाम सेवा और सुरक्षा से जुड़े है, मतदान कर सकेंगे। इसप्रकार योग्य लोगो द्वारा मतदान की संभावना 99 प्रतिशत तक बढ़ेगी।
इस प्रणाली द्वारा कम से कम खर्च में एक साथ मतदान कराए जा सकेंगे। जिसमें कर्मचारी अधिकारीयों की फेरबदल न के बराबर होगा।
लाइव ईवीएम प्रणाली आने पर हम देश में “राईट टू रिकॉल” का अधिकार मतदाता को दे सकेंगे, जिससे लोकतंत्र के भ्रष्टाचार पर विराम लग सके और विकास की गति को बल मिलेगा।
यातायात एवं वाहन लाइसेंस :
समस्या : आज मार्ग दुर्घटनाएं एक आम बात हो गई है, जिसका सबसे बड़ा कारण भ्र्ष्ट वाहन लाइसेंस प्रणाली है, कहने को लाइसेंस ऑनलाइन हो गया है, लेकिन इसमें भरष्टचार और बढ़ गया है, जहां जमीनी स्तर पर कोई विशेष प्रशिक्षण प्रणाली नहीं है, बल्कि ऑनलाइन टेस्ट के भय के कारण व्यक्ति एजेंटों कर्मचरियों को रिश्वत देकर लाइसेन्स बनवाने की जुगत लगता है। जिसे न गाड़ी चलने का उचित प्रशिक्षण मिला है और न ही सड़क नियमावली का ज्ञान है और यह प्रक्रिया एक दिन में सम्भव भी नहीं हो सकता। जो भ्रष्टाचार और मार्ग दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है।
सरकार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तमाम प्रकार के भारी भरकम जुर्माना थोपकर यातायात जागरूकता शिविरों द्वारा नियंत्रित करने के प्रयास में जुटी है, जो बहुत ही निम्न सोच को दर्शाता है जो दुर्घटना के मूल कारणों से बिलकुल विपरीत है।
समाधान : हमने सिम्युलेटर प्रणाली द्वारा इस समस्या को हल करने का प्रयास किया है, इस प्रणाली को 15 से 16 वर्ष की आयु के पुरुष/महिला किसी भी सिम्युलेटर सेण्टर पर बाइक, कार, बस, ट्रक आदि वाहन चलना सीख सकता है। इसप्रकार व्यक्ति के 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत एक सरल पुष्टि आधार पर वाहन लाइसेंस संख्या प्राप्त कर सकेगा। जिसमे तीन तरह के रोडमैप के अनुसार प्रशिक्षण देने होंगे, जैसे: शहर, राज्य और केंद्रीय स्तर के क्षेत्रों में वाहन चलाने का अधिकार होगा। इस प्रणाली में जो व्यक्ति लाइसेंस प्राप्त करेगा, वही वाहन चला पायेगा, इसकी तकनीकी विकसित हो चुकी है।
हमारे यहाँ एक वाहन को कई लोग चलाते है, जिसे हमने रिफ्रेंस प्रणाली में बंटा है, जिसके तहत वाहन मालिक रिफरल द्वारा वाहन चलाने का परमिशन दे सकेगा। इस प्रकार मार्ग दुर्घटना, अपराध और चोरी होने की दशा में व्यक्ति का स्पष्टीकरण त्वरित किया जा सकेगा।
पर्यावरण का आधुनिक प्रबंधनः
जल संरक्षण का आधुनिक प्रबंधन : हमने भूमिगत जल संरक्षण के लिए फ़िल्टर ट्यूब प्रणाली द्वारा जल को भूमिगत करने की रूपरेखा को तैयार किया है, जिससे भूमिगत जल की समस्या समाप्त होगी। जल जमाव को रोका जा सकेगा, नदियों में मिलने वाले नगर के गंदे जल को कम किया जा सकेगा, जिससे बाढ़ के स्तर में कमी लाया जा सकेगा।
वायु प्रदूषण प्रबंधन : हम प्रतिव्यक्ति एक पेड़ अभियान चला रहे है और हर पेड़ के आंकड़े स्पष्ट हो इसके लिए हम माय ट्री नाम से एक एप भी जारी किया है, जिसके तहत लगाए गए पेड़ों की स्थिति को देखा जा सकता है, जिसकी मॉनिटरिंग करके हम समय समय पर देखभाल भी कर सकते है। साथ ही हम इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देंगे और पुराने संसाधनों को नए तकनीकी से जोड़ा जायेगा, जो प्रदूषण मुक्त मानकों पर बना हो।
गाय की महत्ता के आधार पर उद्योगों को विस्तारित करना : सर्वप्रथम गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना। व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो गाय ऐसा प्राणी है, जिससे प्राप्त होने वाला कोई भी तत्व बेकार नही होता। इस प्रकार हम देखते है कि गाय के दूध, मुत्र, और गोबर तीनों अमृत तुल्य है, जिसमें व्यवसाय की अपार संभावनाएं व्याप्त है। हमारी सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ब्लाक, तह-सील एवं जिले स्तर पर गाय हेतु चारागाह के साथ उद्योग स्थापित करना, जिससे देश में फिर से दुग्ध क्रांति लाया जा सके। इस व्यवस्था से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार एवं रोज़गार की अपार संभावनाएं बनाई जा सकेंगी।
युवा सशक्तिकरण हेतु आधुनिक प्रबंधन:
- युवाओं के प्रतिभा को विश्व पटल पर लाने के लिए हम कौशल भारत नाम से एक बोर्ड का गठन करेंगे। जिसके द्वारा हम एक एप जारी करेंगे, जहां इन्वेनेटर सीधा सम्पर्क स्थापित कर सकेगा और अपने इंवेंट को पेटेंट करा सकेगा।
- किसी भी काम को तकनीकी से किया जाये, तो समय और धन दोनों बचाया जा सकेगा। इसीलिए हम सड़क, बिल्डिंग निर्माण आदि के कामों में जुड़े श्रमिकों को तकनीकी कौसल का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस प्रशिक्षण में बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति भी शामिल किया जायेगा।
- खेल, कला आदि प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए प्रत्येक जिले में कौशल केंद्र स्थापित किये जायँगे।
व्यवस्थाओं का आधुनिक प्रबंधन: हमारी सरकार में मूल व्यवस्थाओं जैसे सड़क, पानी विद्युत, गैस कनेक्सन आदि छोटी-बड़ी समस्याओं के निस्तरण को ऑनकाल प्रावधान द्वारा करेगी।
- ख़राब सड़क के लिए क्षेत्र का व्यक्ति समूह के ऑनलाइन आवेदन के द्वारा निस्तरण 24 घंटे के भीतर किया जायेगा।
- विद्युत कनेक्शन ऑनकॉल 24 घंटे के भीतर किया जायेगा।
- शुद्ध जल के लिए जनसंख्या घनत्व को देखते हुए पानी की टंकी और कनेक्शन ऑन कॉल दिए जायँगे।
- गैस का कनेक्शन ऑन कॉल होगा।
- हम समस्त इंफ्राटक्चर विकसित करने का एक मॉडल स्वरूप बनाकर काम करेंगे और आधुनिक संसाधनों के तहत को लाने का काम करेंगे, जिससे जनता का समय और धन बच सके।
मुद्दो का समर्थन :
- आतंकवाद देश ही नहीं अपितु दुनिया के विकास लिए एक अभिशाप है, जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ा खतरा है, इसलिए हमारी सरकार आंतकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़संकल्पित है।
- हम नागरिकता अधिनियम को सही मानते है, इसलिए हम एनआरसी और CAA का समर्थन करते है, लेकिन हम स्पष्ट आंकड़ों पर विश्वास करते है, इसपर हो रही राजनीति पर नहीं।
।। हमारा संकल्प ।।
सेवा! सानिध्य! समपर्ण!!
जय हिन्द! जय भारत! जय राष्ट्रवाद!!
